वाराणसी। 50 हजार का इनामिया डकैत वीरेंद्र अब पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है। बुधवार की भोर लगभग 3 बजे वीरेंद्र की पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम से मुठभेड़ हुई, जिसमें गोली लगने से वह घायल हो गया। घायल वीरेंद्र को वाराणसी के मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है। डकैत वीरेंद्र गोरखपुर से लेकर देवरिया और बलिया से लेकर मऊ तक डकैती की घटना को अंजाम दिया करता था। इन इलाकों में इसके निशाने पर ईंट भट्ठे कारोबारी रहते थे। कुछ दिन पूर्व ही इसके गैंग के सदस्य की गिरफ्तारी हुई थी। जिसके बाद एसटीएफ ने इसकी तलाश तेज कर दी थी।

बीते मंगलवार को मुखबीर से सूचना मिली की डकैत वीरेंद्र रामनगर के रास्ते से वाराणसी में प्रवेश करने वाला है, जिसके बाद पुलिस ने रामनगर से लंका मैदान की एसटीएफ के साथ घेरेबंदी कर दी। बुधवार की भोर लगभग 3:00 बजे वीरेंद्र आता हुआ दिखाई दिया। पुलिस ने उसे गिरफ्त में लेने की कोशिश की लेकिन वीरेंद्र ने पुलिस टीम के ऊपर फायरिंग करना शुरू कर दिया। जवाबी कार्रवाई में विरेंद्र के पैर में गोली लग गई, जिसके बाद वीरेंद्र को वाराणसी की मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।

गोरखपुर से देवरिया तक था खौफ

इस संबंध में डीसीपी काशी जोन अमित कुमार ने बताया कि वीरेंद्र बलिया, मऊ, देवरिया, गोरखपुर के साथ ही अन्य जिलों में डकैती की घटनाओं को अंजाम दिया करता था। वाराणसी में गिरफ्तारी होने के बाद इसके और अपराधिक इतिहास को खंगालाना शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि वीरेंद्र के इलाज के बाद उससे पूछताछ में उसके एक और साथी के बारे में पूछा जाएगा जो कि मुठभेड़ के वक्त अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकलने में कामयाब रहा।

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