प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को 12वीं कक्षा के छात्रों और उनके अभिभावकों के साथ संवाद किया और कहा कि परीक्षा रद्द होने के बाद के समय का सदुपयोग उन्हें रचनात्मक और लाभकारी गतिविधियों में करना चाहिए। शिक्षा मंत्रालय की ओर से डिजिटल माध्यम से आयोजित इस संवाद में अचानक पहुंचे प्रधानमंत्री ने कहा कि छात्रों को किसी भी परीक्षा को लेकर कभी भी तनाव में नहीं रहना चाहिए।
इस संवाद के दौरान उन्होंने छात्रों से पूछा कि कोविड-19 के मद्देनजर परीक्षा रद्द होने के बाद वह कैसा महसूस कर रहे हैं और आगे के लिए वह क्या योजना बना रहे हैं। प्रधानमंत्री ने छात्रों से पूछा कि वह क्या इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) और चैम्पियंस लीग देखना पसंद करेंगे या फिर आलंपिक का इंतजार करेंगे। उन्होंने छात्रों से कहा कि उन्हें ‘‘ स्वास्थ ही धन है’’ के मंत्र को हमेशा याद रखना चाहिए और पूछा कि शारीरिक रूप से फिट रहने के लिए वह क्या करते हैं।’’
संवाद के दौरान कई छात्रों ने परीक्षा रद्द होने के बाद के अनुभव साझा किए और बताया कि इससे उन्हें कितनी राहत मिली और कैसे अनिश्चितता की स्थिति समाप्त हुई। मोदी ने छात्रों से कहा कि परीक्षा रद्द करने का फैसला उनके हित में लिया गया है। कुछ अभिभावकों ने भी प्रधानमंत्री से अपने विचार साझा किए और बताया कि कैसे छात्र कॉलेज में नामांकन पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
ज्ञात हो कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर केंद सरकार ने मंगलवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया था। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद इस फैसले की घोषणा की गई। साथ ही यह फैसला भी हुआ कि सीबीएसई 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के परिणामों को समयबद्ध तरीके से एक पूर्णत: स्पष्ट उद्देश्यपरक मानदंड के अनुसार संकलित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।