ब्लैक फंगस, वाइट फंगस और येलो फंगस के बाद गुजरात में एक नए किस्म का संक्रमण का मामला सामने आया है। राज्य के वडोदरा में कोरोना रोगियों के साथ ही इस रोग से उबर चुके लोगों में ऐस्पर्जलोसिस फंगस इंफेक्शन के मामले सामने आए हैं। ब्लैक फंगस या म्यूकोरमाइकोसिस के बढ़ते मामलों के बीच नया फंगस संक्रमण डॉक्टरों के लिए चुनौती के साथ ही रोगियों के लिए भी परेशानी का कारण बना हुआ है।
वडोदरा के दो सरकारी अस्पतालों में म्यूकोरमाइकोसिस के 262 रोगियों का इलाज चल रहा है। इनमें से एक अस्पताल में पिछले एक सप्ताह के दौरान आठ लोगों में ऐस्पर्जलोसिस संक्रमण पाया गया है। इस फंगल इन्फेक्शन के बढ़ते मामलों के पीछे कोविड रोगियों के इलाज में बढ़ते स्टेरॉयड्स के साथ ही ऑक्सिजन सप्लाई को हाइड्रेट करने के लिए नॉन स्टराइल वॉटर का यूज भी बताया जा रहा है। इस अस्पताल में ही मल्टी ड्रग्स रेजिस्टेंस यीस्ट इंफेक्शन कैंडिडा ऑरिस के 13 मामले सामने आए हैं।
मीडिया से बातचीत में शहर के कोविड-19 के सलाहकार डॉ. शीतल मिस्त्री के अनुसार कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में पल्मोनरी ऐस्पर्जलोसिस के मामले तो अक्सर देखने में आते थे लेकिन पहली बार साइनस ऐस्पर्जलोसिस का केस रेयर है। यह संक्रमण ऐसे लोगों में देखने को मिल रहा है जो कोरोना संक्रमित हैं या जो इस संक्रमण से उबर चुके हैं। हालांकि, यह ब्लैक फंगस जैसा तेजी से नहीं फैलता हैं लेकिन यह आक्रामक प्रकृति का होता है।