सौवीं किसान रेल को हरी झंडी दिखाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं सबसे पहले देश के करोड़ों किसानों को बधाई देता हूं। अगस्त महीने में देश की पहली किसान और खेती के लिए पूरी तरह से समर्पित रेल शुरू की गई थी। आज 100वीं किसान रेल थोड़ी देर पहले महाराष्ट्र के संगोला से पश्चिम बंगाल के शालीमार के लिए रवाना हुई है। इससे पश्चिम बंगाल के किसानों, पशुपालकों, मछुआरों की पहुंच मुंबई, पुणे, नागपुर जैसे महाराष्ट्र के बड़े बड़े बाजारों तक हो गई है।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि भंडारण और कोल्ड स्टोरेज के अभाव में देश के किसान का नुकसान हमेशा से बड़ी चुनौती रहा है। हमारी सरकार भंडारण कि आधुनिक व्यवस्था पर, सप्लाई चैन के आधुनिकीकरण पर, करोड़ों के निवेश के साथ-साथ, किसान रेल की नई पहल भी कर रही है।

किसानों के प्रति सरकार की निष्ठा की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये काम किसानों की सेवा के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है। ये इस बात का भी प्रमाण है कि हमारे किसान नई संभावनाओं के लिए कितनी तेजी से तैयार हैं। किसान, दूसरे राज्यों में भी अपनी फसलें बेच सकें, उसमें किसान रेल और कृषि उड़ान की बड़ी भूमिका है।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि किसान रेल सेवा, देश के किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में भी एक बहुत बड़ा कदम है।।इससे खेती से जुड़ी अर्थव्वस्था में बड़ा बदलाव आएगा। इससे देश की कोल्ड सप्लाई चेन की ताकत भी बढ़ेगी. किसान रेल चलता फिरता कोल्ड स्टोरेज भी है। यानि इसमें फल हो, सब्ज़ी हो, दूध हो, मछली हो, यानि जो भी जल्दी खराब होने वाली चीजें हैं, वो पूरी सुरक्षा के साथ एक जगह से दूसरी जगह पहुंच रही हैं।

किसान रेल के फायदे गिनाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अब किसान रेल जैसी सुविधा से पश्चिम बंगाल के लाखों छोटे किसानों को एक बहुत बड़ा विकल्प मिला है।और ये विकल्प किसान के साथ ही स्थानीय छोटे-छोटे व्यापारी को भी मिला है। वो किसान से ज्यादा दाम में ज्यादा माल खरीदकर किसान रेल के ज़रिए दूसरे राज्यों में बेच सकते हैं। कृषि से जुड़े एक्सपर्ट्स और दुनिया भर के अनुभवों और नई टेक्नॉलॉजी का भारतीय कृषि में समावेश किया जा रहा है। स्टोरेज से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर हो या फिर खेती उत्पादों में वैल्यू एडिशन से जुड़े प्रोसेसिंग उद्योग, ये हमारी सरकार की प्राथमिकता हैं

पीएम मोदी ने कहा कि पीएम कृषि संपदा योजना के तहत मेगा फूड पार्क्स, कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर, एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर, ऐसे करीब साढ़े 6 हजार प्रोजेक्ट स्वीकृत किए गए हैं। जिसमें से अनेक प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं और लाखों किसान परिवारों को उसका लाभ मिल रहा है।आत्मनिर्भर अभियान पैकेज के तहत माइक्रो फूड प्रोसेसिंग उद्योगों के लिए 10 हज़ार करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं।

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