नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन के शुरुआती चरण से लेकर जब तक टीका बना तब तक इसको लेकर लोगों के मन में तरह-तरह की भ्रांतियां थीं। टीका लगाने से लोग हिचकिचा रहे थे, लेकिन वैज्ञानिकों, नेताओं और डब्ल्यूएचओ की तिकड़ी ने इसके प्रति जनता का मन बदल दिया। इन तीनों के सामूहिक प्रयास से टीके पर भरोसा करने वाले लोगों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है।

सर्वे में लोगों ने वैक्सीन लगाने की जताई इच्छा

गैलप, कैसर फैमिली फाउंडेशन और प्यू रिसर्च सेंटर के सर्वे में यह खुलासा हुआ है कि टीका लगाने वाले लोगों की संख्या में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है। सर्वे में भाग लेने वालों ने कहा कि वे अब वैक्सीन लेने के लिए तैयार हैं। अब करीब 60 फीसदी लोग टीका लगवाने के लिए राजी हो गए हैं। एक अन्य सर्वेक्षण में 73 प्रतिशत लोगों ने इच्छा जताई है। हालांकि कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि यह हर्ड इम्युनिटी विकसित करने के लिए काफी है।

टीके का विरोध करने वाले जेब में रखें नोट : जर्मन डॉक्टर

जर्मनी में वैक्सीन लेने या न लेने पर विवाद छिड़ गया है। जर्मनी के एक वैज्ञानिक का कहना है कि जो लोग वैक्सीन का विरोध कर रहे हैं, उन्हें वक्त पड़ने पर आईसीयू और वेंटिलेटर भी दूसरों के लिए छोड़ देना चाहिए। आनुवांशिकी विज्ञानी जेनेटिसिस्ट वोल्फराम हेन ने कहा कि जो कोई भी सीधे तौर पर टीकाकरण से इनकार कर रहा है, वह कृपया अपने साथ ये नोट भी रखें, जिसमें लिखा हो कि मैं टीका नहीं लगवाना चाहता हूं। ऐसे लोगों को यह भी कहना चाहिए कि मैं चाहता हूं कि अगर मैं बीमार हुआ तो मैं इंटेसिव केयर बेड और वेंटिलेटर को दूसरों के लिए छोड़ दूंगा।

टीके को लेकर हुए प्रदर्शन में 20 हजार जुटे

जर्मनी में हाल के समय में कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर उठाए गए प्रशासनिक कदमों के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं। राजधानी बर्लिन समेत कुछ और शहरों में हुए इन प्रदर्शनों में अच्छी खासी संख्या में लोगों ने भाग लिया। लाइपजिंग शहर में तो 20,000 से ज्यादा लोग जमा हुए। वायरस की दूसरी और ज्यादा बड़ी लहर के कारण जर्मनी में 16 दिसंबर से 10 जनवरी तक लॉकडाउन लागू किया गया है, लेकिन लॉकडाउन के बावजूद सप्ताहांत में बर्लिन और श्टुटगार्ट जैसे शहरों में प्रदर्शन हुए।

नेताओं ने टीके लगाकर संदेश दिया
दुनिया के तमाम बड़े नेताओं ने सबसे पहले कोविड-19 का टीका लगाकर लोगों को संदेश दिया है। वैक्सीन लगाकर उन्होंने यह संदेश देने का प्रयास किया है कि टीके पूरी तरह सुरक्षित है। टीके लगवाने के लिए लोगों को आगे आना चाहिए। इसको लेकर कोई किंतु परंतु नहीं हो। सऊदी अरब के प्रिंस सलमान, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्नयाहू और अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने वैक्सीन की पहली खुराक ले ली है।

डब्ल्यूएचओ ने टीके के लिए प्रेरित किया

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने टीके लगवाने के लिए लोगों को हमेशा प्रेरित किया है। उसने वैक्सीन को लेकर उत्पन्न भ्रम की स्थितियों को दूर करने की हर संभव कोशिश की। इस संबंध संगठन ने कभी लोगों से अपील की तो कभी दिशा-निर्देश जारी सचेत किया। इसके अलावा संगठन ने वीडियो जारी कर भी लोगों को आगाह किया।

वैज्ञानिक भी पीछे नहीं रहे
टीके को लेकर उत्पन्न भ्रम की स्थितियों को दूर करने के लिए सबसे पहले वैज्ञानिकों ने अपनी भूमिका निभाई। उन्होंने समय-समय पर शोध कर लोगों को सही स्थिति से अवगत कराया। अमेरिकी सीडीसी के प्रमुख डॉ. फाउसी भी इसको लेकर दिशा-निर्देश जारी किया। अमेरिका में कोरोना से दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं।

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