दुनियाभर में नदियों और समुद्र जलमार्गों के जरिए बड़े पैमाने पर यात्रा की जाती है। लेकिन कई दफा इन जलमार्गों में कुछ सबसे भयानक हादसे हुए हैं, जिसमें अब तक हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। ऐसा ही एक नाव हादसा आज ही के दिन दक्षिण कोरिया में हुआ था, जिसमें 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। 16 अप्रैल 2014 को हुए इस हादसे में मरने वाले अधिकतर बच्चे थे, जो स्कूल की तरफ से एक यात्रा पर गए थे। इस हादसे की बाद में जांच की गई है, लेकिन नाव के पलटने की असल वजह सामने नहीं आ सकी।
दक्षिण कोरिया के दक्षिणी हिस्से में मौजूद जलक्षेत्र में 16 अप्रैल को सुबह 8.30 बजे जहाज मेंगगोल चैनल में प्रवेश किया। ये जहाज इंचयोन से जे-जू द्वीप पर जा रहा था। इस जहाज ने पहले भी इस रास्ते से सफर तय किया था। करीब 8.40 बजे अचानक से लिए गए एक टर्न से जहाज पलटने लगा। इस दौरान अपने कैबिन में सो रहा हेल्समैन जहाज के अचानक टर्न लेने से अपने बिस्तर से गिर पड़ा। सिवोल नाम का ये जहाज बंदरगाह से 30 डिग्री उत्तर की ओर झुका हुआ था।
इस गलती से डूबा जहाज
इस घटना के समय जहाज का कैप्टन अपने प्राइवेट कैबिन में मौजूद था। जहाज पर बिगड़ती परिस्थिति की जानकारी मिलते ही वह अपने साथियों और हेल्समैन के साथ मौके पर पहुंचा। इसी समय चीफ इंजीनियर ने जहाज के इंजनों को बंद कर दिया। इंजनों के बंद होना एक बड़ी गलती साबित हुई। इसके बंद होने के बाद सिवोल अपनी दिशा बदलने में नाकामयाब रहा और साइड से घूमने लगा। इस जहाज पर 476 यात्री और क्रू मेंबर्स सवार थे। कैप्टन और क्रू मेंबर्स ने लोगों को शांति बनाने का आग्रह किया। लेकिन जहाज पर हालात धीरे-धीरे बिगड़ रहे थे। जहाज ने अब डूबना शुरू कर दिया था। करीब 9.30 बजे तक जहाज पूरी तरह से डूब चुका था।
254 बच्चों की हुई डूबने से मौत
कुल मिलाकर इस घटना में 304 लोगों की मौत हो गई, जबकि 172 लोग सही-सलामत बचने में कामयाब हुए। इस हादसे में 254 बच्चों की मौत हुई, जो स्कूल की तरफ से सैर के लिए निकले थे। तीन दिनों तक राहत बचाव कार्य जारी रहा और इस तरह जहाज में फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला गया। 172 सर्वाइवर में से आधे लोगों को घटनास्थल पर मौजूद मछली पकड़ने वाली नावों और अन्य कमर्शियल जहाजों के जरिए बचाया गया। जहाज पर फंसे लोगों को बचाने के लिए 40 मिनट बाद मदद पहुंची। हालांकि, टीम ने जल्द से जल्द लोगों को पानी से बाहर निकाला।
जहाज के डूबने को लेकर बताए गए ये कारण
आधिकारिक जांच में पता चला कि मानवीय त्रुटि ने न केवल डूबने पर, बल्कि मरने वालों की संख्या में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आधिकारिक रिपोर्टों में कहा गया है कि जहाज ने अनुचित रूप से अचानक मोड़ लिया था, जिसके कारण जहाज की दिशा बदल गई और जहाज डूब गया। वहीं, एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया कि जहाज पर क्षमता से अधिक लोग सवार थे, जिस कारण ये हादसा हुआ। दूसरी ओर, बताया गया कि जहाज असुरक्षित भी था, जिस वजह से ये टर्न लेते ही डूबने लगा।