इस बार बारिश कैसी होगी? मौसम विभाग ही इसका आकलन करता है। लेकिन भीतरगांव के जगन्नाथ मंदिर ने संकेत दिया है कि इस बार मानसून कमजोर होगा। मानसून आने के कुछ दिन पहले मंदिर के गुंबद में जड़े पत्थर से बूंदें टपकती हैं। इनके आकार से पुजारी मानसून की भविष्यवाणी करते हैं। पुजारी पं. केपी शुक्ला ने कहा कि दो दिन से छोटी बूंदें टपक रही हैं। इस बार बारिश कम होगी।
सदियों से मानसून का संकेत
मानसून आने के 15-20 दिन पहले मंदिर के गुंबद से कुछ बूंदें टपकती हैं। पुजारी उनके आधार पर बताते हैं कि इस साल मानसून कैसा होगा। इस मान्यता को वैज्ञानिक आधार पर परखने के लिए देश-विदेश के वैज्ञानिकों की टीमें भी निरीक्षण कर चुकी हैं, पर बिना बारिश अंदर बूंदें टपकने का रहस्य अनसुलझा ही रहा। वैज्ञानिकों का कहना है कि मंदिर के डिजाइन की और गहन जांच की जरूरत है।
पुरातत्व विभाग के संरक्षण में मंदिर
भीतरगांव ब्लॉक के बेहटा बुजुर्ग गांव में स्थित यह मंदिर पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है। मंदिर के पुजारी केपी शुक्ला कहते हैं मंदिरकी सेवा करते मेरी सात पीढ़ियां गुजर गईं। दो दिन से मंदिर के गुंबद से पानी टपक रहा है। इस बार बूंदे छोटी हैं, यानी कमजोर बारिश होगी।