काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर में मिले हैं 30 से अधिक प्राचीन मंदिर

वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के साथ ही विस्तारीकरण सुंदरीकरण परियोजना में खरीदे गए भवनों के ध्वस्तीकरण के बाद मिले 30 से अधिक प्राचीन मंदिरों के संरक्षण का कार्य मंदिर न्यास जल्द कराएगा। इसके लिए मंगलवार की शाम श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की बैठक में फैसला लिया गया। कमिश्नरी सभागार में आयोजित बैठक में न्यास की ओर से देशभर में प्राचीन धरोहरों को संरक्षित करने वाली कंपनियों को आमंत्रित कर यह कार्य कराया जाएगा। यह कार्य की पुरातत्व विभाग के अधिकारी वह मंदिर न्यास के अधिकारियों की निगरानी में होगा। इसके अलावा न्यास परिषद की बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऑनलाइन पूजा कराने के कार्य को भी अनुमति प्रदान की गई। न्यास परिषद की बैठक में श्री काशी विश्वनाथ की विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद द्वारा कराए गए कार्यों की एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाने पर भी सहमति बनी, जिसमें प्रधानमंत्री द्वारा इस परियोजना को बनाने के लिए की गई घोषणा के समय से लेकर भवनों के क्रय करने ध्वस्तीकरण करने, मलवा निकालने के बाद तैयार होने वाले मंदिर परिसर के भव्य स्वरूप को फिल्म के रुप मे तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही बैठक में कैंट रेलवे स्टेशन पर बनने वाले दर्शनार्थी सुविधा केंद्र के कार्य को भी न्यास की ओर से अनुमोदन प्राप्त हो गया। साथ ही मंदिर की आय बढ़ाने पर जोर दिया गया। ताकि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को पारदर्शी रूप से दर्शन पूजन कराने और मंदिर की आय बढ़ाकर उसको सुव्यवस्थित करने। बैठक में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष आचार्य पंडित अशोक द्विवेदी, कमिश्नर दीपक अग्रवाल, मंदिर के मुख्य कार्यपालक विशाल सिंह, डिप्टी कलेक्टर विनोद सिंह, अपर मुख्य कार्यपालक निखिलेश मिश्रा सहित कई अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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