डीएम अमित अरोड़ा ने दी कच्छ के सर्वांगीण विकास की विशद जानकारीबुधवार अर्थात सात फरवरी की शाम स्टार एयरलाइंस के विमान द्वारा भुज से अहमदाबाद रवानगी के पहले काशी की मीडिया टीम ने कच्छ के इस प्रमुख जिले का हैक्टिक भ्रमण किया। सबसे पहले हम नाश्ता करने के उपरांत टेंट सिटी के पास धोरडो गांव जा पहुंचे । हमारा स्वागत किया सरपंच मियां हुसैन ने जो इस पद पर दो दशकों से आसीन हैं।

इसके बाद भुज के डीएम अमित अरोड़ा के यहा आमंत्रित थे। काशी में जन्मे अमित 2010 बैच के आईएएस हैं। उन्होने कच्छ के रणोत्सव और जिले की विकास को समझाया। भर आयी आंखे स्मृति वन भ्रमण पर। सबसे पहले चर्चा धोरडो स्मार्ट ग्राम की जहां हमने विकास को समग्रता के साथ उत्कर्ष पर देखा। सरपंच हुसैन भाई ने दिखाया अपने यहां की टेंट सिटी से लगायत कान्फ्रेंस हाल तक जो राज्यों की राजधानियों को भी मात देने वाला था । नवंबर से फरवरी तक चलने वाला कच्छ रणोत्सव साल भर की कमाई दे देता है जो एक करोड़ से ज्यादा की है। मजा यह कि राशि सरकारी खजाने में नहीं जाती, पंचायत के पास ही रहती है और डीएम की अनुमति से वो उसका उपयोग कर सकती है। सरकार की मुखापेक्षी नहीं रहती । क्या कुछ अत्याधुनिक सुविधा वहां सुलभ नहीं थी। अपन का तो यही मानना है कि गांव को हमें स्मार्ट बना लिया तो शहर खुद बहुत स्मार्ट होते चलेंगे। मोदी जी ने अपने मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल मे वाकई विकास की ऐसी सहस्र धारा बहाई कि सारी दुनिया इसे गुजरात माडल के रूप में जानने लगी। यहां से काफिला चल पड़ा जिलाधिकारी कार्यालय की ओर । डीएम अमित अरोड़ा ने मिलने की इच्छा जतायी थी। अमित जी ने भुज और कच्छ के सर्वांगीण विकास की जो ब्लूप्रिंट सामने रखी उससे भरोसा हो गया कि पर्यटकों की आमद कच्छ रथोत्सव के लिए ही नहीं बल्कि वर्ष पर्यंत रहेगी। कच्छ का रन यानी सफेद मरुस्थल जो दरअसल नमक है, कैसे पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर सके, इसका भी अमित जी ने खाका खींचा।स्मृति वन का भ्रमण सचमुच हम सभी को भावुक कर गया। 2001 की 26 जनवरी को , जब भुज गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा था, सुबह साढें आठ बजे के आसपास 7.6 रिचर्ड स्केल पर 91 सेकेंड तक धरती ऐसी कांपी कि यह समूचा शहर तबाह हो गया । इस भयावह त्रासदी में जिन 12932 लोगों ने अपनी जानें गंवाई उनके नामो के साथ वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करती स्मृति वन की अट्टालिका में क्या कुछ नहीं था। करीने से सजा कर रखे गई करोड़ों साल पुराने पत्थर सहित पुरातात्विक वस्तुओं का अवलोकन वाकई अनमोल था। सृष्टि की उत्पत्ति के पश्चात कैसै जीवों का क्रमिक विकास हुआ इसको स्लाइड के माध्यम से दिखाया गया है।

हृदयविदारक तो था 360 डिग्री पर घूमता वीडियो जिसके दौरान आप 91 सेकेंड तक हिलते हुए भूकंप का अह्सास भी करते रहेंगे और समाने दृश्य आता रहेगा भूकंप का । किस तरह से धरती हिलने पर जमींदोज हुए घरों में फंसे और दब कर जान गंवाने हर उम्र के नर – नारी।ये देख कर मेरी तो चीखें निकल गई आंख से अश्रु धारा बहने लगी। हम सभी ने हुतात्माओं को नमन करने के अलावा कुछ पंक्तियां लिख कर कृत्रिम पेड़ की डाल पर टांग दी। मन भारी जरूर हुआ मगर यह देख कर गर्व भी हुआ कि मोदी गारंटी की कार्य संस्कृति की पहली झलक ने भुज को सीना तान कर कैसे खड़ा कर दिया था। लगभग तीन बजे एक रेस्तरां मे लंच लेने के बाद हम एयरपोर्ट के लिए प्रस्थान कर गए। शाम साढें सात बजे हमने गांधीनगर की गिफ्ट सिटी में चेक- इन किया । आठ फरवरी की सुबह हमें गिफ्ट सिटी का भ्रमण कराया जाएगा और फिर काफिला कार से प्रस्थाधन करेगा स्टेच्यु आफ यूनिटी के लिए ।