असम और मिजोरम के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच पूर्वोत्तर के भारतीय जनता पार्टी के सांसदों ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है। पूर्वोत्तर के भाजपा सांसदों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद असम-मिजोरम सीमा विवाद सहित क्षेत्र से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर एक ज्ञापन सौंपा। इसमें कहा गया है दोनों राज्यों में विश्वास-निर्माण के लिए काफी काम किया गया है लेकिन कांग्रेस इसे खुश नहीं दिखती, कांग्रेस की ओर से बांटने वाले काम किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री की सांसदों से इस मुलाकात को दोनों राज्यों के बीच शांति स्थापित करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। एक दिन पहले रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ टेलीफोन पर बात की थी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा से फोन पर बात की और दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद को शांत करने लिए कदम उठाने को कहा। उससे पहले केंद्रीय गृह सचिव ने असम और मिजोरम के मुख्य सचिवों और दोनों राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी।
एक दूसरे पर कई तरह के आरोप लगा रहे असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों के रुख में भी अब बदलाव आया है। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कहा है कि वो बातचीत के जरिए मुद्दा सुलझाने पर विश्वास करते हैं। मिजोरम के सीएम जोरामथांगा ने असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व शर्मा और गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बातचीत के बाद कहा कि दोनों राज्यों के बीच जो भी विवाद है उसे बातचीत और मैत्रीपूर्ण रवैये के साथ सुलझा लिया जाएगा। असम सीएम हेमंत बिस्व शर्मा ने कहा, मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने सीमा विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने की इच्छा व्यक्त की है। असम हमेशा उत्तर पूर्व की भावना को जीवित रखना चाहता है। हम अपनी सीमाओं पर शांति सुनिश्चित करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। इसी सद्भावना भाव को आगे बढ़ाने के लिए मैंने असम पुलिस को राज्यसभा सांसद वनलालवेना के खिलाफ प्राथमिकी वापस लेने के लिए निर्देश दिया है।
असम और मिजोरम के बीच बीते हफ्ते 26 जुलाई को तब तनाव बढ़ गया था, जब मिजोरम के कोलासिब जिले के वायरेंग्टे कस्बे में दोनों राज्यों के लोग और पुलिस बल आमने सामने आ घई। इस हिंसक झड़प में असम के छह पुलिसकर्मियों सहित कम से कम सात लोगों की मौत हो गई थी। वहीं 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। जिसके बाद से दोनों राज्यों के बीच भारी तनाव है। केंद्र सरकार ने केंद्रीय अर्धसैनिक बल की पांच कंपनियां इस इलाके में तैनात की हुई हैं। बता दें कि असम के जिले- कछार, करीमगंज और हैलाकांडी, मिजोरम के तीन जिलों- आइजोल, कोलासिब और मामित के साथ 164 तकरीबन किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद पुराना है लेकिन हाल के सालों में इस स्तर हिंसा पहली बार देखने को मिली है। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी इसके बाद काफी सख्त भाषा का इस्तेमाल किया था।