बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकजुटता बनाने की कवायद में जुटी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि क्षेत्रीय दलों में देश का नेतृत्व करने की क्षमता है और सभी क्षेत्रीय दल साथ आ जाएं तो बीजेपी पर भारी पड़ सकते हैं. ममता ने कहा कि रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए संसद सत्र के बाद सभी विपक्षी नेताओं की बैठक होगी.

तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद के आवास पर पत्रकारों के साथ बातचीत में ममता बनर्जी ने आगामी विधानसभा चुनाव में विपक्षी एकजुटता को भी जरूरी बताया लेकिन कहा कि यूपी में बीजेपी को हराने की रणनीति यूपी के नेताओं को बनानी होगी.

ममता ने कहा कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी अगर अलग हैं तो वे इसमें दखल नहीं दे सकतीं. ममता ने सीपीएम को भी संदेश दिया कि वह तय करे कि उनकी दुश्मन तृणमूल है या बीजेपी! कांग्रेस को लेकर ममता ने कहा कि उनके गांधी परिवार से अच्छे रिश्ते हैं और रहेंगे. हालांकि ममता ने माना कि बीजेपी काफी मजबूत है लेकिन साथ ही उन्होंने दावा किया कि इस बार विपक्ष बीजेपी से ज्यादा मजबूत रहेगा. ममता ने कहा कि अब देश भर में ‘खेला होबे’.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने 2024 लोकसभा चुनाव में विपक्ष का चेहरा कौन होगा इस सवाल पर ममता ने कहा कि मैं राजनीतिक ज्योतिष नहीं हूं. यह परिस्थितियों पर निर्भर करेगा. मोदी से देश की टक्कर होगी. वहीं जब यह पूछा गया कि क्या आप विपक्ष की अगुवाई करेंगी? तो ममता ने सीधे तौर पर जवाब देने की बजाय कहा कि मैं एक साधारण कार्यकर्ता हूं. मैं अपना चेहरा नहीं जनता को और देश को चेहरे के रूप में देखना चाहती हूं.

एक सवाल के जवाब में ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि अगर गुजरात से आने वाले मोदी दिल्ली के लिए इनसाइडर हैं तो वो आउटसाइडर कैसे हुईं? ममता ने मुहावरे का इस्तेमाल करते हुए कहा कि वो बिल्ली के गले में घन्टी बांधना चाहती हैं. साथ ही उन्होंने खुद को वीआईपी नहीं एलआईपी (लीस्ट इम्पोर्टेन्ट पर्सन) बताया.

2024 को लेकर विपक्षी गठबंधन के फॉर्मूले को लेकर पूछे गए तमाम सवालों के जवाब के लिए ममता ने इंतजार करने को कहा. ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी विपक्षी नेताओं से मुलाकात और बात हो रही है. सोनिया गांधी, केजरीवाल से उन्होंने मुलाकात की है जबकि लालू यादव ने उनसे फोन पर बात की.

ममता ने कहा कि लोकसभा चुनाव में अभी तीन साल का समय है. राजनीति में कई बार छह महीने का समय भी बहुत होता है. ममता ने यह भी कहा कि नवीन पटनायक, जगन रेड्डी, चंद्रबाबू नायडू जैसे नेताओं से उनके अच्छे रिश्ते हैं और भले ही आज वो विपक्षी गठबंधन का हिस्सा नहीं हों लेकिन उन्हें साथ में लाया जा सकता है.

ममता ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज इमरजेंसी से गंभीर स्थिति है. अर्थव्यवस्था की हालत खराब है दूसरी तरफ पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस के दाम बढ़ रहे हैं जिससे लोगों का घर चलना मुश्किल हो गया है. ममता ने पैगासस जासूसी मामले की जांच की मांग दुहराई. कोरोना के तीसरे लहर से पहले टीकाकरण की रफ्तार तेज करने को जरूरी बताया.

पत्रकारों के साथ संवाद के बाद ममता ने दस जनपथ जाकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात की. बाहर निकल कर ममता ने एक बार फिर कहा कि बीजेपी को हराने के लिए सबका साथ आना जरूरी है. 

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