पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने एक बार फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पीएम मोदी से मिलने का मकसद सिर्फ हाथ जोड़कर फंड मांगने का है। वह सिर्फ पैसे के लिए पीएम मोदी से मिलने जा रही हैं। वहीं इस बयान पर टीएमसी ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें संघीय व्यवस्था की बेहतर समझ की जरूरत है, जिसके तहत एक सीएम हमेशा पीएम से मिल सकता है।

पश्चिम बंगाल में भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने रविवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, केंद्रीय संसाधनों का ‘दुरुपयोग’ करने के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ‘हाथ जोड़कर पैसों की भीख मांगना’ चाहती हैं। हालांकि, उनकी इस टिप्पणी की राज्य में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस ने कड़ी आलोचना की है।

घोष ने संवाददाताओं से बात करते हुए यह भी आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने सरकारी खजाने के पैसे की हेराफेरी की है और इसे लगभग खाली कर दिया है। उन्होंने सीएम ममता बनर्जी के दौरे के बारे में पूछे जाने पर कहा कि बनर्जी ने केंद्र की ओर से आवंटित धन का दुरुपयोग किया है और अब वह हाथ जोड़कर प्रधानमंत्री से मिलना चाहती हैं क्योंकि राज्य लगभग दिवालिया हो गया है।

घोष ने कहा कि ममता बनर्जी सरकार की ओर से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण पश्चिम बंगाल वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य की वित्तीय स्थिति और टीएमसी खेमे के भीतर बढ़ती गुटबाजी को देखते हुए, दीदी को एहसास हो गया है कि वह 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले राज्य को अच्छी तरह से नहीं चला पाएंगी।

तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल घोष ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के बयान पर हैरानी जताते हुए कहा कि घोष इस तरह की भद्दी टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि क्या वह (घोष) संघीय ढांचे के बारे में समझते हैं, जहां एक राज्य का मुखिया हमेशा पीएम से मिल सकता है? दिलीप दा को तथ्यों की जांच करनी चाहिए.. बंगाल ने पहले की तुलना में टीएमसी शासन के तहत अधिक राजस्व अर्जित किया है।

राज्य मंत्री और टीएमसी विधायक चंद्रिमा भट्टाचार्य ने घोष के बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए सवाल किया और जानना चाहा कि क्या सीएम ने भाजपा नेता के कानों में अपनी यात्रा का उद्देश्य बताया है। बता दें कि बनर्जी ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा था कि प्रधानमंत्री ने उन्हें जुलाई के अंतिम सप्ताह में दिल्ली के अपने निर्धारित दौरे के दौरान बैठक के लिए समय दिया है, लेकिन तारीख नहीं बताई।

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