ओडिश के पुरी में 12 जुलाई को रथ यात्रा से पहले रविवार से 48 घंटे का कर्फ्यू लगाया जाएगा. जिला प्रशासन के आदेश के अनुसार प्रतिबंध रविवार को रात 8 बजे से 13 जुलाई को रात 8 बजे तक लागू रहेगा. भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा 12 जुलाई को होगी. ओडिशा सरकार ने पुरी के सभी एंट्री प्वाइंट्स को सील कर दिया है और कोविड -19 महामारी के मद्देनजर प्रतिबंध लगाए हैं.

पुरी के कलेक्टर समर्थ वर्मा ने शनिवार को कहा कि होटल और लॉज के मालिकों को ये सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि रथ यात्रा के दौरान कोई भी पर्यटक शहर में न रुके. उन्होंने कहा कि विभिन्न कंपनियों और कॉरपोरेट घरानों के निजी गेस्ट हाउसों को भी इसी तरह के निर्देश दिए गए हैं. कर्फ्यू से पहले, राज्य सरकार ने शनिवार को पुरी के स्थानीय निवासियों को कुछ ढील दी.

सरकार ने लोगों से अपील की है कि वो त्योहार के दौरान पुरी न जाएं और इसके बजाए टीवी पर रथ यात्रा का सीधा प्रसारण देखें. उधर पुरी में भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा का उत्सव शुक्रवार को भगवान के ‘नव यौवन दर्शन’ के साथ शुरू हो गया, जिसके दौरान ‘अनासरा घर’ में 14 दिन रहने के बाद उनकी युवावस्था की पूजा की जाती है.

त्रिदेव- भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा ‘अनासरा घर’ में 14 दिन बिताने के बाद ‘नव यौवन दर्शन’ के दौरान प्रकट हुए. आमतौर पर रथ यात्रा के दौरान पुरी में लगभग 10 लाख लोग इकट्ठा होते हैं. भगवान जगन्नाथ मूल रुप से भगवान विष्णु के दशावतारों में से एक हैं और इनके लिए निकाली जाने वाली रथयात्रा एक सांस्कृति महापर्व है. कोरोना महामारी के चलते लगभग 285 साल में पहली बार ऐसा होगा, जिसमें बगैर भक्तों के ही भगवान जगन्नाथ की महायात्रा पूरी होगाी.

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