जम्मू में दुश्मनों की ‘ड्रोन साजिशें’ जारी हैं. खबर है कि शुक्रवार को तड़के अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक बार फिर ड्रोन देखा गया है. खतरे को देखते हुए मौजूद सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने ड्रोन पर गोलियां बरसाईं. बीते रविवार को एयरफोर्स स्टेशन पर हुए धमाके के बाद यह पांचवा मौका है, जब इलाके में अनजान ड्रोन को देखा गया है. रविवार को हुए हमले की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी कर रही है.

जम्मू-पाकिस्तान से सटे अरनिया सेक्टर से सटे अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर आज सुबह करीब सवा चार बजे एक हेक्सा ड्रोन देखा गया. कहा जा रहा है कि ड्रोन ने भारतीय इलाके में प्रवेश नहीं किया और पाकिस्तान की सीमा में ही रहा. इलाके में कुछ समय उड़ते रहने के बाद वह गायब हो गया था. ड्रोन के नजर आते ही बीएसफ ने उसपर फायरिंग शुरू कर दी. बीएसीफ के सूत्रों ने जानकारी दी है कि यह ड्रोन जासूसी के मकसद से यहां आया था और भारतीय पक्ष की सतर्कता और कार्रवाई के चलते वापस चला गया.

जम्मू एयरपोर्ट ब्लास्ट मामले की जांच के लिए अधिकारी पहुंच चुके हैं. हालांकि, NIA के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर घटना के बाद पहले दिन से ही मौजूद हैं, लेकिन जांच गुरुवार को ही शुरू हुई. इसके अलावा दिल्ली से IG और DIG रैंक के अधिकारी भी गुरुवार को जम्मू पहुंच गए थे. बुधवार को नेशनल सिक्युरिटी गार्ड और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के प्रमुखों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया था.

ड्रोन के इस्तेमाल को लेकर सरकार और प्रशासन दोनों अलर्ट हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सीमावर्ती जिले रजौरी में उड़ने वाले उपकरण के इस्तेमाल, रखने और बेचे जाने पर प्रतिबंध लग गया है. जिलाधिकारी राजेश कुमान शवन की तरफ से जारी किए गए आदेश में ड्रोन और ड्रोन के जैसी चीजों को स्थानीय पुलिस स्टेशन में जमा करने के निर्देश दिए हैं.

उन्होंने आदेश में कहा कि मैपिंग, सर्वे और निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही सरकारी एजेंसियां ड्रोन के इस्तेमाल से पहले स्थानीय थाना प्रभारी और कार्यकारी मजिस्ट्रेट को जानकारी देंगी. रविवार को हुए ड्रोन धमाके में दो जवान घायल हो गए थे. खबर है कि सरकार ड्रोन को लेकर नीति तैयार करने पर विचार कर रही है.

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