भारत मे आई दूसरी कोरोना वेव के लिए कोरोना वायरस का ‘डेल्टा वेरिएंट’ काफी हद तक जिम्मेदार था. लेकिन अब डेल्टा प्लस आ गया है. ये ‘डेल्टा प्लस वेरिएंट’ भारत के चार राज्यों में मिला है. महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के बढ़ते मामलों ने चिंता पैदा कर दी है. राज्य की उद्धव सरकार ने हालात से निपटने के लिए पूरे महाराष्ट्र को लेवल-3 पर रखकर कई नई पाबंदियों की घोषणा कर दी है.
राज्य के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे की ओर से जारी आदेश के मुताबिक कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के बढ़ते मामलों को देखते हुए पूरे महाराष्ट्र को लेवल-3 की कैटिगरी में डाल दिया गया है. इस घोषणा के बाद लेवल-1 और लेवल-2 वाले जिले भी स्वतः लेवल 3 में आ गए हैं. जिन जिलों में लेवल-1 और लेवल-2 के तहत कई छूट दी गई थी. उन्हें अब खत्म करके लेवल-3 के नियम लागू कर दिए गए हैं.
महाराष्ट्र के मुख्य सचिव ने कहा कि लेवल-3 कैटिगरी में डाले जाने के बाद राज्य में अब मॉल और थिएटर खोलने पर रोक लगा दी गई है. राज्य में अब रेस्टोरेंट 50 फीसदी क्षमता के साथ शाम चार बजे तक खुले रहेंगे. लोकल ट्रेनों में सफर की अनुमति को मेडिकल स्टाफ, अत्यावश्यक सेवाओं और महिलाओं तक सीमित कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि पब्लिक प्लेस, गार्डन वॉकिंग और साइक्लिंग के लिए सुबह 5 से 9 बजे तक का वक्त तय कर दिया गया है. सरकारी दफ़्तरों में भी केवल 50 फीसदी कर्मचारियों की ही उपस्थिति रहेगी. शादी समारोह में अधिकतम 50 लोगों के मौज़ूद रहने की इजाजत रहेगी. वहीं अंतिम संस्कार में केवल 20 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी जाएगी.
बता दें कि टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले, महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया था कि राज्य के सात जिलों में डेल्टा प्लस वैरिएंट दस्तक दे चुका है और कई मामले सामने आए हैं. उन्होंने कहा था कि अधिकारी ऐसे मामलों को अलग कर रहे हैं और संक्रमितों की ट्रेवल हिस्ट्री का विवरण निकालकर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर रहे हैं.
वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हालात से निपटने के लिए अधिकारियों को राज्य के सात जिलों रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, सतारा, सांगली, कोल्हापुर और हिंगोली जिलों पर ध्यान केंद्रित करने का आदेश दिया.
सीएम ठाकरे ने अफसरों को निर्देश दिया कि अगर वायरस फैलने का खतरा है तो प्रतिबंधों में ढील देने में जल्दबाजी न करें. मुख्यमंत्री ने प्रभावित जिलों के कलेक्टरों से बात करते हुए उन्हें ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड, फील्ड अस्पताल बनाने की योजना पर काम तेज करने का निर्देश दिया.