केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में कहा कि कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 4-4 लाख रूपये का मुआवजा नहीं दिया सकता है. सुप्रीम कोर्ट में केंद्र के जवाब को लेकर राहुल गांधी ने केंद्र पर निशाना साधा. राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा,’जीवन की क़ीमत लगाना असंभव है- सरकारी मुआवज़ा सिर्फ़ एक छोटी सी सहायता होती है लेकिन मोदी सरकार ये भी करने को तैयार नहीं.कोविड महामारी में पहले इलाज की कमी, फिर झूठे आँकड़े और ऊपर से सरकार की क्रूरता!
दरउसल कोरोना संक्रमण के चलते मरने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा देने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था. केंद्र ने कहा है कि कोविड-19 के पीड़ितों को 4 लाख रुपये का मुआवजा नहीं दिया जा सकता है क्योंकि आपदा प्रबंधन कानून में केवल भूकंप, बाढ़ आदि प्राकृतिक आपदाओं पर ही मुआवजे का प्रावधान है.
सरकार ने आगे कहा कि अगर एक बीमारी से होने वाली मौत पर मुआवजे की राशि दी जाए और दूसरी पर नहीं तो यह पूरी तरह से गलत होगा.केंद्र सरकार ने कहा है कि अभी तक देश में कोरोना से 3,85,000 मौतें हो चुकी हैं और यह संख्या बढ़ भी सकती है ऐसे में प्रत्येक परिवार को मुआवजा के 4-4 लाख देना संभव नहीं होगा.हलफनामे में सरकार ने महामारी में लोगों को दी गई वित्तीय और बाकी मदद का भी विस्तार से हवाला दिया है. साथ ही महामारी के दौरान ऑक्सीजन आदि के इंतजाम का भी ब्योरा दिया है.
इससे पहले पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर तंज किया था. राहुल ने कहा सरकार ने कर वसूली में पीएचडी कर रखी है.राहुल गांधी ने ट्विटर पर एक अखबार की रिपोर्ट साझा कि जिसका शीर्षक था, ‘सरकार ने आय और कॉरपोरेट कर से ज्यादा कमाई पेट्रोल-डीजल से की है।’ इसी को आधार बनाकर राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधा.