रक्त की कमी से भारत में हर साल 30 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है, जबकि इस कमी को मात्र एक फीसद आबादी रक्तदान कर पूरा कर सकती है। हैरानी की बात है कि विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाला देश होने के बावजूद भारत रक्तदान में काफी पीछे है।

यहां तक कि हमारे पड़ोसी देश भी इस महादान में हमसे बहुत आगे हैं। रक्त की कमी को खत्म करने के लिए दुनिया भर में 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस मनाया जाता है।

पूर्व भारतीय कप्तान सचिन तेंदुलकर ने ‘विश्व रक्तदान दिवस’ के मौके पर रक्तदान किया। इस महान बल्लेबाज ने लोगों से अपील की कि वे आगे आएं और स्वेच्छा से रक्तदान करें। तेंदुलकर ने ट्वीट किया कि हम सभी के पास जीवन बचाने की ताकत है। इसका इस्तेमाल करें। अपनी टीम के साथ रक्तदान के लिए जाने वाले तेंदुलकर ने कई बीमारियों और परिस्थितियों में रक्त की अहमियत पर जोर दिया।

उन्होंने बताया कि किस तरह सुरक्षित रक्त कई मानव जानों को बचाने में अहम भूमिका निभा सकता है। अपने विभिन्न सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट वीडियो में तेंदुलकर ने अपने निजी अनुभव का भी जिक्र किया जब उनके करीबी रिश्तेदार को कुछ महीने पहले रक्त की आवश्यकता थी। तेंदुलकर ने कहा कि इस घटना ने उन्हें रक्तदान के लिए प्रेरित किया।

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