बिहार में संपूर्ण क्रांति के दो ध्वज वाहक एक बार फिर आमने-सामने हैं। सुशील मोदी ने लालू परिवार पर अटैक किया है। इस बार उन्होंने राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री (1997 में) बनाए जाने को लेकर सवाल खड़ा किया है। तो आरजेडी ने पूछा कि 50 साल तक पीएचडी होल्डर महिला को सीएम बनने से किसने रोका था?

बिहार में लालू प्रसाद यादव ने 25 जुलाई 1997 अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाया था। इसे बेशक 24 साल का समय बीत चुका है लेकिन बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी इसे भूले नहीं हैं। वे लालू को याद दिलाते रहते हैं कि एक घरेलू महिला को सत्ता की चाबी दी गई थी। एक बार फिर उन्होंने राबड़ी को ‘घरेलू महिला’ कहा है जिसपर आरजेडी और लालू की बेटी रोहिणी ने पलटवार किया है।

राबड़ी के बहाने लालू यादव पर सुशील मोदी ने हमला बोला। दरअसल, आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने संपूर्ण क्रांति दिवस पर लोगों को बधाई दी। इसपर सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘घरेलू महिला राबड़ी देवी को सीधे मुख्यमंत्री बनवा कर क्या लालू प्रसाद संसदीय लोकतंत्र की व्यवस्था को दुरुस्त करने की ‘क्रांति’ कर रहे थे? जिसने सत्ता को बेनामी संपत्ति बनाने का निर्लज्ज माध्यम बनाकर जेपी की संपूर्ण क्रांति का विकृत मॉडल पेश किया, उन्हें संपूर्ण क्रांति दिवस पर ज्ञान देने के बजाय प्रायश्चित करना चाहिए।’

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता के हमले पर आरजेडी ने पलटवार किया। आरजेडी राज्य कार्यकारिणी के सदस्य जयंत जिज्ञासु ने कहा, ‘देश आजाद हुआ 15.8.47 को। लालूजी सीएम बने 10.3.90 को। बीच के 43 वर्षों तक किसी ने रोका था बिहार में किसी पीएचडी, पोस्ट डॉक की हुई महिला को सीएम बनाने से? राबड़ी देवी जी तो 25.7.97 को सीएम बनीं, आजादी के 50 बरसों बाद! आते ही बिहार की हर कमिश्नरी मे ओबीसी-ईबीसी लड़कियों के लिए आवासीय स्कूल खोला।’

रोहिणी आचार्य ने भी सुशील मोदी को घेरा

सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वालीं लालू यादव की छोटी बेटी रोहिणी आचार्य ने सुशील मोदी पर निशाना साधा है। रोहिणी ने लिखा, ‘आपकी मानसिकता बता रही है घरेलू महिला या महिलाओं के प्रति कैसी आपकी ओछी सोच है। जिसको मां बहनों का भी सम्मान करने का संस्कार नहीं वो नेता तो क्या, इंसान कहलाने के लायक नहीं..!! नोट- महिलाओं के प्रति इसी घिनौनी सोच के कारण डबल इंजन की सरकार ने बालिका गृह कांड को अंजाम दिया!!’

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