वाराणसी। मुनाफाखोर और कालाबाजारी करने वालों ने कोरोना महामारी के आपदा को अवसर में बदल दिया है। लोगों को दाल, तेल का भाव ने रूला दिया है। पिछले 15 दिन के भीतर तेल, चीनी, दाल और अन्य खाद्य वस्तुओं के दाम आसमान छूने लगे हैं। फुटकर दुकानदार माल की कम आवक और ऊपर से ही रेट महंगे होने की बात बताकर आम जनता को लूट रहे हैं।

वहीं, कोरोना काल में महंगाई की पिच पर अगर कोई टीम धुआंधार प्रदर्शन कर रही है तो वह है खाद्य तेलों की टीम। इस टीम के सदस्यों में शामिल सूरजमुखी, सोया, पाम आयल, वनस्पति, मूंगफली धुआंधार बल्लेबाजी कर रहे हैं। वहीं अनाज-दाल की टीम के भी भाव चढ़े हुए हैं। पिछले एक साल में गेहूं, आटा और मूंगदाल को छोड़ सभी महंगे हुए हैं। चावल 4.40 फीसद तो चना दाल 14.28 फीसद महंगी हुई है। यह हम नहीं कह रहे बल्कि आंकड़े कह रहे हैं। 28 मई 2020 की तुलना में 28 मई 2021 को आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। यहां तक नमक ने भी अपने तेवर तीखे किए हैं।

मूंगफली तेल (पैक) 20.10 फीसद चढ़कर 177.59 रुपये पर पहुंच गया है। एक साल पहले यह 147.87 रुपये किलो था। सरसों के तेल में तो पिछले एक साल से आग लगी हुई है। इस अवधि के दौरान सरसों तेल (पैक) के दाम में 44.33 फीसद का उछाल आया है।

वहीं वनस्पति (पैक) की बात करें तो यह 90.37 रुपये से 131.21 पर पहुंच गया है। इस दौरान इसमें 45.19 फीसद का उछाल आया है। सोया तेल (पैक) सबसे अधिक महंगा हुआ है। एक साल में 52 फीसद से ज्यादा उछल कर यह 100.78 से 153.85 पर पहुंच गया है। वहीं खाद्य तेलों सूरजमुखी तेल (पैक) ने रिकॉर्ड उछाल दर्ज की है। एक साल में यह 56.31 फीसद उछलकर 172.79 पर पहुंच गया है। पहले यह 110.54 रुपये था। वहीं पाम तेल (पैक) भी 54.05 फीसद महंगा होकर 86.98 रुपये से 133.99 पर पहुंच गया है।

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