दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में पहलवान सागर हत्‍याकांड मामले में अब दिल्‍ली पुलिस की स्‍पेशल सेल ने ओलंपियन सुशील कुमार के आपराधिक दुनिया के लोगों से कनेक्‍शन और उसकी गहनता के साथ जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली के टॉप-10 गैंगस्टर में शुमार काला जठेड़ी व लारेंस विश्नोई के रिश्तों को लेकर सागर हत्याकांड में गिरफ्तार ओलंपियन सुशील कुमार की कुंडली खंगाला शुरू कर दिया है। सेल की शुरुआती जांच व बातचीत की रिकार्डिंग में पता चला है कि सुशील के कहने पर ही काला जठेड़ी जरायम की दुनिया में आगे बढ़ता गया।

सुशील कुमार काला जठेड़ी को लोगों की हैसियत और उनके कामकाज के बारे में जानकारी देता था। ऐसे में सुशील पर जल्द ही मकोका लगने की संभावना जताई जा रही है।

स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पांच लोगों लारेंस विश्नोई, जगदीप जग्गू भगवानपुरिया, संपत मेहरा उर्फ काली राजपूत, राजू बसोदी और रविंद्र उर्फ काली शूटर को मकोका मामले में गिरफ्तार किया गया है। बिश्नोई को चार साथियों के साथ दिल्ली लाया गया है।

राजू बसोदी को थाईलैंड से प्रत्यर्पित किया गया है। लारेंस विश्नोई को राजस्थान के अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल से ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया है। सेल ने मार्च के अंत में लारेंस विश्नोई व काला जठेड़ी के खिलाफ मकोका का मामला दर्ज किया था।

स्पेशल सेल के एक अधिकारी के मुताबिक, लारेंस विश्नोई और काला जठेड़ी का नेटवर्क भारत के साथ ही दुबई, अमेरिका, थाईलैंड आदि देशों में फैला है। इस गिरोह में 300 से ज्यादा बदमाश हैं। लारेंस का साथी अमनदीप मुल्तानी इस समय अमेरिका में है। सेल की टीम लारेंस से पूछताछ कर गिरोह के हथियारों की भी दिल्ली-एनसीआर में तलाश कर रही है।

उच्च न्यायालय ने अपने साथी पहलवान की हत्या के आरोपी ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार के मामले में मीडिया ट्रायल का आरोप लगाने संबंधी याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया। अदालत ने याचिका को बिना आधार के बताते हुए कहा कि ऐेसे व्यक्ति के मामले में जनहित याचिका नहीं दायर की जा सकती जिसे सभी जानते है। याचिका में मामले को सनसनीखेज बनाने से मीडिया को रोकने और आपराधिक मामलों की रिपोर्टिंग के लिए उचित नियम बनाने की मांग की गई थी।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा कि एक जागरूक व्यक्ति सुशील कुमार की तरफ से दायर याचिका में दावा किया गया है कि मीडिया ने हत्या के ऐसे मामले में अपनी रिपोर्टिंग से उनकी छवि बिगाड़ी है जिसमें वह एक आरोपी हैं। अदालत ने कहा आप एक व्यक्ति के लिए जनहित याचिका दायर नहीं कर सकते। आरोपी सुशील स्वयं एक जागरूक व्यक्ति है और वह स्वयं भी याचिका दायर कर सकता है। ऐसे में यह याचिका विचारयोग्य नहीं है।

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