चक्रवाती तूफान ताऊ ते के बाद अब देश के पूर्वी तटीय क्षेत्रों में चक्रवात यास का खतरा मंडराने लगा है। बंगाल की खाड़ी में उठने वाला चक्रवाती तूफान यास ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में तबाही मचा सकता है। मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया बन गया है।
दरअसल इस सप्ताह की शुरुआत में देश के पश्चिमी तट पर आए भीषण चक्रवात ‘ताउते’ के बाद भारतीय नौसेना ने बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियान चलाया था। चक्रवात के कारण महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, कर्नाटक और गोवा में भारी तबाही हुई थी। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को कहा कि चक्रवात यास के “बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान” में बदलने और 26 मई को ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल के तटों को पार करने की आशंका है।
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जी के दास ने कहा कि 26 मई की शाम ये चक्रवात पश्चिम बंगाल,ओडिशा और पड़ोसी देश के तटों की ओर बढ़ने की संभावना है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओडिशा और बांग्लादेश के तटों पर 26 मई की सुबह से हवा की गति 90-100 किमी प्रति घंटे से 110 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की उम्मीद है। शाम तक यह और तेजी से बढ़ सकता है।
शनिवार को पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे सटे उत्तरी अंडमान सागर के ऊपर एक निम्न दबाव वाला क्षेत्र बना। एक कम दबाव का क्षेत्र चक्रवात के गठन का पहला चरण होता है, यह आवश्यक नहीं है कि सभी निम्न दबाव वाले क्षेत्र चक्रवाती तूफान में तब्दील होते हैं।
आईएमडी ने कहा, ‘एक निम्न दबाव के क्षेत्र के कल, 23 मई की सुबह तक बंगाल की खाड़ी के पूर्व-मध्य क्षेत्र पर विक्षोभ में केंद्रित होने की आशंका है। इसके उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है, जो 24 मई तक एक चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है और अगले 24 घंटों में बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है।’
मौसम विभाग ने कहा कि यह उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ता रहेगा और आगे गंभीर रूप लेगा और 26 मई की सुबह तक पश्चिम बंगाल के पास बंगाल की उत्तरी खाड़ी और उससे सटे उत्तरी ओडिशा और बांग्लादेश के तटों तक पहुंच जाएगा।आईएमडी ने कहा, “26 मई की शाम के आसपास इसके पश्चिम बंगाल और उससे सटे उत्तरी ओडिशा और बांग्लादेश के तटों को पार करने की बहुत संभावना है।”
मछुआरों को चेतावनी जारी की गई
मछुआरों के लिए चेतावनी जारी की गई है। इसमें बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्वी और पूर्वी-मध्य, अंडमान सागर और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह की ओर 22 से 24 मई के बीच न जाने की सलाह दी गई है। इसके अलावा 23 से 25 मई तक बंगाल की मध्य खाड़ी और 24 से 26 मई के बीच पश्चिम बंगाल समेत ओडिशा और बांग्लादेश के तटों की ओर जाने से मना किया है। साथ ही जो मछुआरे समुद्र के बीच में हैं, उन्हें लौटने की सलाह दी जा रही है।
तूफान के खतरे से निपटने के लिए भेजी गईं टीमें
नौसेना ने कहा कि तूफान के संभावित खतरे से निपटने के लिए बाढ़ राहत एवं बचाव की आठ टीमों के अलावा गोताखोरों की चार टीमों को ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भेजा गया है।