कोरोना वायरस के दौर ने लोगों को सोशल मीडिया और खासकर ट्विटर की अहमियत समझा दी। दवा, इंजेक्शन, अस्पताल में बेड से लेकर खाने और राशन तक के लिए लोगों ने इस पर मदद मांगी और बात जब नेताओं, अधिकारियों, सरकार और सोशल वर्कर्स तक पहुंची तो मदद भी मिली। मदद का ऐसा ही एक ट्वीट 11वीं क्लास की छात्रा ने किया, मगर उसे दवा या राशन नहीं बल्कि किताबें चाहिए थीं।
अपने जिले शामली के एसपी सुकीर्ति माधव को टैग करते हुए 11वीं क्लास में पढ़ने वाली निकिता चौधरी ने उनके सामने किताबों की मांग रखी। ट्वीट में निकिता ने लिखा, ‘सर, क्या आप क्लास 11 की ह्यूमैनिटीज की किताबें उपलब्ध करा सकते हैं। बुक शॉप खुल नहीं रही हैं शामली में और स्कूल वाले बोल रहे हैं कि कोर्स जल्दी खरीदो बाहर से। प्लीज मदद करिए।’
एसपी सुकीर्ति माधव ने निकिता से उसका पता मांगा और कहा कि वह किसी बुक स्टोर से संपर्क करेंगे जिससे वह घर तक किताबें पहुंचा दें। मीडिया से बातचीत में सुकीर्ति ने कहा, ‘निकिता से पता लेने के बाद मैंने सदर कोतवाली को सूचित किया कि वह इन किताबों की व्यवस्था करा दें। जब किताबें मिल गईं तो उन्हें एक सिपाही के हाथों निकिता के घर पहुंचा दिया गया।’
सुकीर्ति ने कहा, ‘यह कोई ऐसा बड़ा काम नहीं है। यह हमारा फर्ज था, जो हमने किया। मगर इस छोटे से काम से उस बच्ची के मन में पुलिस की जो छवि बनी है, वह जीवनभर उसके साथ रहेगी। इतने नकारात्मकता भरे माहौल में भी उसे लगेगा कि पुलिस उसकी दोस्त ही है।’
किताबें मिलने से खुश निकिता ने ट्वीट कर एसपी सुकीर्ति माधव और शामली पुलिस को धन्यवाद बोला। निकिता ने कहा, ‘आप लोग हर मिनट जिस मेहनत और लगन के साथ काम कर रहे हैं, वह अद्भुत है और प्रेरणादायक है। आप लोग असली सुपरहीरो हैं। मुझे लगता है कि यही बात है जो आप यूनिफॉर्म पहने स्त्री-पुरुषों को बाकी दुनिया से अलग बनाती है।’