बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में मुस्लिम पक्ष की पैरवी करने वाले जफरयाब जिलानी की हालत नाजुक बनी हुई है। गुरुवार को उन्हें ब्रेन स्ट्रोक का अटैक आया था। जिसके बाद उन्हें लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इंटरनल ब्लीडिंग के चलते शुक्रवार को जिलानी की सर्जरी की गई। इसके बाद उन्हें ICU में शिफ्ट कर दिया गया। अब सीनियर डॉक्टर्स की निगरानी में उनका इलाज चल रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी कोरोना रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। हालांकि, डॉक्टर ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है। जिलानी देश के जाने-माने एडवोकेट होने के साथ ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव भी हैं।
जिलानी के करीबियों ने बताया कि कुछ दिन पहले पैर फिसलने की वजह से उनके सिर में चोट आई थी। इसके बाद गुरुवार शाम अचानक उनको ब्रेन हैमरेज हो गया। जिलानी राजनीति में न होते हुए भी पिछले तीन दशक से देश की सुर्खियों में बने रहे। अयोध्या विवाद में जफरयाब जिलानी को लगातार मुस्लिम पक्ष की बात मजबूती से रखने के लिए जाना जाता है। सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के बाद जफरयाब जिलानी को बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी का संयोजक भी बनाया गया।
इसके अलावा वह लखनऊ के कई शैक्षणिक संस्थानों से भी जुड़े हैं। इसमें मुमताज डिग्री कॉलेज के ट्रस्ट में भी इनका बड़ा योगदान बताया जाता है। यही वजह से है कि लखनऊ में सुन्नी पक्ष की सभी बड़ी बैठक अक्सर मुमताज कॉलेज में होती है। अमीनाबाद स्थित मुमताज मार्केट भी इन्हीं का बताया जाता है। जिलानी और समाजवादी पार्टी के सांसद और वरिष्ठ नेता आजम खान रिश्तेदार हैं। हालांकि, मौजूदा समय में दोनों लोगों के संबंध अच्छे नहीं हैं।