तेजी से उठे चक्रवावी तूफान ने तबाही मचाई हुई है। ये तूफान 185 किमी प्रतिघंटा की गति से सोमवार रात 8 बजे के लगभग गुजरात तट से टकराया। इस भीषण तूफान से कर्नाटक, गोवा, केरल और महाराष्ट्र में 18 की मौत हुई। जबकि इनमें से महाराष्ट्र में 6 की मौत हुई। वहं इन राज्यों में हजारों घर ढह गए। वहीं गुजरात में डेढ़ लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
बता दें, इससे पहले मुंबई में तूफान ने भारी तबाही मचाई और महाराष्ट्र में छह लोगाें की मौत हुई। नाव सवाल यीन 14 बड़ी नौकाओं में 410 लोग तूफान में फंस गए जिनकी जिंदगी को बचाने के लिए नौसेना के तीन जहाजों ने मोर्चा संभाला है।
ऐसे में मौसम विभाग के अनुसार, तूफानताउते के जमीन से टकराने की प्रक्रिया करीब दो घंटे तक चली। वहीं तूफान की दस्तक से पहले सोमवार को गुजरात में 1.5 लाख लोगों को सुरक्षित निकाला गया।
बिगड़ रहे हालातों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात के मुख्यमंत्रियों व दमन एवं दीव के उपराज्यपाल से फोन पर बातचीत की और स्थिति का जायजा लिया। इसके साथ ही तूफान से निपटने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। गृहमंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्रियों से बात कर स्थिति का जायजा लिया।
तूफान ताउते से निपटने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया। साथ ही इस जंग से जीतने के लिए सेना ने गुजरात में अपनी 180 टीमें और 9 इंजीनियर टास्क फोर्स को तैनात किया।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फोन पर बात कर स्थिति की समीक्षा की। ठाकरे ने पीएम को नुकसान और बचाव कार्य की जानकारी दी। मोदी ने उद्धव के अलावा गुजरात और गोवा के मुख्यमंत्रियों और दमन एवं दीव के उपराज्यपाल से भी बात की।
पीएम मोदी ने सभी को तूफान से निपटने में केंद्र की ओर से हर संभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया। गृहमंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्रियाें से बात कर तूफान से हुए नुकसान और राहत कार्य स्थितियों का जायजा लिया।
गुजरात में तूफान का इतना भयानक रूप सामने आया है। इससे पहले 1998 में कांडला में आए तूफान ने भारी तबाही मचाई थी। मौसम विभाग के मुताबिक इस दौरान गुजरात में 190-210 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। इसे श्रेणी 3 का तूफान माना जा रहा है।
साथ ही गुजरात के प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की 54 टीमें तैनात की गई हैं। 1998 के तूफान में 4 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। जबकि सीएम विजय रूपाणी ने कहा कि हालात से निपटने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।