दिल्ली की एक अदालत से बिजनेसमैन नवनीत कालरा को बड़ा झटका लगा है. कोरोना महामारी के बीच ऑक्सीजन सिलेंडर की ब्लैक मार्केटिंग के मामले में आरोपी बिजनेसमैन नवनीत कालरा की अग्रिम जनामत याचिका खारिज हो गई है. दिल्ली की साकेत कोर्ट ने उसकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.

साकेत कोर्ट ने इस मामले में बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. आज फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने नवनीत कालरा की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया. सरकारी पक्ष की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने कहा था कि वह गुरुवार को इस मामले में फैसला सुनाएगा.

नवनीत कालरा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

बतादें कि नवनीत कालरा के पास से कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए जरूरी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जब्त किए गए थे. अब कोर्ट ने उसे अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है. ये ऑक्सीजन कंसंट्रेटर राजधानी में ‘खान चाचा’ समेत उसके कई रेस्त्रां से बरामद किए गए थे. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप गर्ग ने आदेश देते हुए कहा कि नवनीत कालरा की जमानत अर्जी खारिज की जाती है. बतादें कि गिरफ्तारी की आशंका पर नवनीत कालरा ने इसी हफ्ते की शुरुआत में अग्रिम जनामत अर्जी कोर्ट में दाखिल की थी.

पुलिस के छापे में नवनीत कालरा के तीन रेस्त्रां से 524 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बरामद किए गए थे. शक जताया जा रहा है कि वह अपने परिवार के साथ दिल्ली छोड़कर भाग गया है. नवनीत कालरा के खिलाफ लुक-आउट-सर्कुलर जारी किया गया है. पुलिस ने शक जताया था कि वह गिरफ्तारी से बचने के लिए देश से भागने की कोशिश कर सकता है.

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की कालाबाजारी का आरोप

नवनीत पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की कालाबाजारी का आरोप है. वहीं इस मामले को जांच क्राइम ब्रांच के अंतर-राज्यीय सेल में ट्रांसफर कर दिया गया है. जांच के दौरान, यह पाया गया कि मैट्रिक्स सेल्युलर सर्विसेज लिमिटेड, एक अंतरराष्ट्रीय सिम कंपनी ने कथित तौर पर स्थानीय विक्रेताओं और चीनी कंपनियों से 7,000 से अधिक मशीनों की खरीद की और उन्हें कोवोर के रोगियों और उनके परिवारों को “ज्यादा दामों” पर बेच दिया.

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