भारत इस वक्त कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है, इस मुश्किल वक्त में दुनिया भारत के साथ आई है. भारत को अलग-अलग देशों, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से मदद मिल रही है. इसी बीच आज INS तरकक्ष दो (20 मीट्रिक टन) लिक्विड क्रायोजेनिक कंटेनर और 230 ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर कतर से मुंबई पहुंचा. ऑक्सीजन कंटेनरों को फ्रेंच मिशन द्वारा ‘ऑक्सीजन सॉलिडैरिटी ब्रिज’ के भाग के रूप में सुविधा दी गई थी.

नेवी की ओर से बताया गया, ‘मुंबई में पहुंची खेप महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारत का साथ देने के लिए फ्रांस के मिशन ‘ऑक्सीजन सॉलिडारिटी ब्रिज’ के तहत आयी है. यह पहली बार है जब ‘फ्रेंच एयर लिक्विड’ ड्रमों को कतर के हमद बंदरगाह से भारत लाया गया है. यह जहाज पांच मई, 2021 को कतर पहुंचा और 40 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन लेकर 10 मई, 2021 को मुंबई लौटा है.

40 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन भी पहुंचाया गया

कतर में भारत के राजदूत डॉक्टर दीपक मित्तल के प्रयासों से शुरू भारत-फ्रांस की इस साझेदारी के तहत देश को अगले दो महीनों में 600 मीट्रिक टन से ज्यादा लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन मिलने की संभावना है. इसकी पहली खेप महाराष्ट्र को दी गयी है. महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे और मुंबई में फ्रांस की महावाणिज्यदूत सोनिया बारबरी सोमवार को मुंबई पोर्ट पर मौजूद थे.

वहीं इंडियन नेवी का जहाज त्रिखंड दो दिन पहले कतर से 40 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन लेकर मुंबई पहुंचा था. ऑपरेशन समुद्र सेतु-II के तहत देश के तीन बंदरगाहों पर नेवी के जहाज मित्र देशों से ऑक्सीजन कंटेनर, सिलेंडर, कॉन्सेंट्रेटर और मेडिकल उपकरण लेकर लौट रहे हैं. इनमें मुंबई, कोलकाता और विशाखापत्तनम बंदरगाह शामिल है.

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