जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने सुपौल के वीरपुर जेल में भूख हड़ताल शुरू कर दी है। 32 साल पुराने किडनैपिंग के एक मामले में गिरफ्तारी के बाद पप्पू यादव को वीरपुर जेल में रखा गया है। पूर्व सांसद का कहना है कि उन्हें जेल में सुविधाएं नहीं मुहैया कराई जा रही हैं। ऐसे में भूख हड़ताल के सिवा कोई चारा नहीं है।

दूसरी और पप्पू यादव की गिरफ्तारी के मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अकेले पड़ते जा रहे हैं। मुख्य विपक्षी दल राजद के साथ ही सहयोगी दलों ने भी पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर गहरी आपत्ति जताई है। अब नीतीश की पार्टी जदयू और उन्हें समर्थन देने वाली भाजपा से भी पप्पू यादव की गिरफ्तारी के खिलाफ आवाज उठने लगी है। जदयू नेताओं ने भी पप्पू यादव के गिरफ्तारी का विरोध करते हुए उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की है।

कोर्ट ने अनसुनी कर दी पप्पू यादव की मांग

जानकार सूत्रों का कहना है कि पप्पू यादव का कुछ ही दिन पहले ऑपरेशन हुआ है और उन्होंने जेल जाने से पहले भी कोर्ट के समक्ष खुद के बीमार होने की बात कही थी। उनका कहना था कि उन्होंने हाल में ही ऑपरेशन कराया है। इस कारण उन्हें जिला अस्पताल या किसी अन्य अस्पताल में दाखिल करा दिया जाए मगर कोर्ट ने उनकी मांग को अनसुना करते हुए उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। अब पप्पू यादव ने जेल में ही भूख हड़ताल शुरू कर दी है।

वॉशरूम और कमोड की उचित व्यवस्था नहीं

पूर्व सांसद ने इस बाबत ट्वीट करते हुए लिखा कि वीरपुर जेल में मैं भूख हड़ताल पर बैठ गया हूं। यहां पर न तो पानी है और न वाशरूम। उन्होंने कहा कि मेरे पांव का हाल में ऑपरेशन हुआ है और ऐसी स्थिति में मैं नीचे नहीं बैठ सकता। जेल के बाथरूम में कमोड की उचित व्यवस्था भी नहीं की गई है।

उन्होंने कहा कि मेरा अपराध सिर्फ यही है कि मैं कोरोना मरीजों की सेवा और उनकी जान बचाने में जुटा हुआ था। मैंने दवा, हॉस्पिटल, ऑक्सीजन और एंबुलेंस माफिया के खिलाफ आवाज उठाई और उन्हें बेनकाब कर दिया। मुझे इस अपराध की ही सजा दी जा रही है मगर मैं आगे भी अपनी लड़ाई जारी रखूंगा।

रास्ते में कई जगह समर्थकों का हंगामा

पटना में मंगलवार को गिरफ्तारी के बाद पूर्व सांसद पप्पू यादव को मधेपुरा ले जाया गया है। पटना से मधेपुरा ले जाते समय 30 से अधिक गाड़ियों का काफिला पप्पू यादव के साथ था और रास्ते में कई जगह उनके समर्थकों ने काफिले को रोककर हंगामा भी किया। समर्थकों ने पप्पू यादव की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की। बाद में रात लगभग 11:00 बजे पप्पू यादव को मधेपुरा कोर्ट लाया गया। पप्पू यादव की पेशी के लिए रात में मधेपुरा सिविल कोर्ट को खोला गया और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पप्पू यादव की पेशी हुई।

पप्पू की बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने की मांग

कोर्ट में पेशी के दौरान पप्पू यादव ने अपनी बीमारी का हवाला देते हुए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि मेरा हाल में ऑपरेशन हुआ है और ऐसे में मुझे जेल में रखना उचित नहीं होगा।

उन्होंने खुद को अस्पताल में दाखिल कराने की भी मांग की मगर कोर्ट ने उनकी बात को अनसुना करते हुए उन्हें जेल भेज दिया। प्रशासन और पुलिस को पहले से ही समर्थकों के हंगामे की आशंका थी। इसी कारण पप्पू यादव की पेशी के दौरान भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी।

पत्नी ने दी नीतीश सरकार को चेतावनी

उधर पप्पू यादव की पत्नी और कांग्रेस की पूर्व सांसद रंजीत रंजन ने पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर नीतीश सरकार को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि नीतीश जी को यह समझ लेना चाहिए कि अगर पप्पू यादव को कुछ भी हुआ तो यह मुख्यमंत्री नीतीश और बिहार की एनडीए सरकार के लिए ठीक नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि पप्पू यादव का कुछ दिन पहले ही गंभीर बीमारी का ऑपरेशन हुआ था और डॉक्टरों ने उन्हें 3 महीने के आराम की सलाह दी थी। इसके बावजूद वे कोरोना संक्रमण बढ़ने पर मरीजों और आम लोगों की सेवा में जुटे हुए थे। इससे नाराज बिहार सरकार ने एक पुराने मामले में पप्पू यादव की गिरफ्तारी करा दी। उनकी गिरफ्तारी के पीछे गहरी साजिश है। इस कोरोना संकट काल में सबको मिलकर महामारी का सामना करना चाहिए और यह समय राजनीति का नहीं है।

बेटे ने भी गिरफ्तारी पर जताई नाराजगी

पूर्व सांसद के बेटे और क्रिकेटर सार्थक ने भी अपने पिता की गिरफ्तारी पर नाराजगी जताई है। सार्थक ने ट्वीट करके कहा कि मेरे पिता को थाने में रखने और गिरफ्तार करने में जितनी हिम्मत दिखाई गई है अगर नीतीश कुमार ने उतनी मेहनत अस्पतालों की निगरानी में लगाई होती तो मेरे पिता को घर से बाहर नहीं निकलना पड़ता।

उन्होंने कहा कि आज बिहार को मेरे पिता की जरूरत है, राजनीतिक दुश्मनी की नहीं। मेरे पिता ने हमेशा जरूरतमंद लोगों की मदद की है, लेकिन यह मदद ही नीतीश सरकार को नागवार गुजरी।

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