कोरोना महामारी के खिलाफ जारी जंग के बीच बच्चों को संक्रमण से बचाने की दिशा में एक बड़ी उम्मीद जगी है. अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने बड़ा फैसला लेते हुए बच्चों के लिए फाइजर-बायोएनटेक कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दे दी है. ये वैक्सीन किशोरों यानी कि 12-15 साल की उम्र वालों दी जाएगी. इस हफ्ते अमेरिका में 12 से 15 साल की उम्र के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो सकता है. एफडीए के कार्यवाहक आयुक्त जेनेट वुडकॉक ने इस कदम को कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण कदम बताया.

मॉडर्ना भी कर रही है ट्रॉयल

बता दें कि बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए फाइजर के अलावा मॉडर्ना भी ट्रायल कर रही है और जल्द ही उसके नतीजे भी सामने आ सकते हैं. खास बात यह है कि FDA ने दोनों कंपनियों के अब तक के नतीजों पर भरोसा जताया है. एक अन्य अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स की COVID-19 वैक्सीन है आखिरी चरण में है और उसने भी 12- से 17 साल के बच्चों पर स्टडी शुरू कर दी है.

2000 लोगों पर की गई स्टडी

2,000 से अधिक अमेरिकी वॉलंटियर्स पर किये गये ट्रायल के आधार पर फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा कि फाइजर वैक्सीन सुरक्षित है और 12 से 15 साल के किशोरों को मजबूत सुरक्षा देता है. फाइजर और इसके जर्मन पार्टनर बायोएनटेक ने हाल ही में यूरोपीय संघ में बच्चों के वैक्सीनेशन की अनुमति मांगी है.

सामान्य स्थिति में वापसी के लिए सभी उम्र के बच्चों का टीकाकरण महत्वपूर्ण है. दुनिया भर में लगाये जा रहे अधिकांश COVID-19 टीके को एडल्ट के लिए ही अधिकृत हैं. फाइजर के टीका का उपयोग कई देशों में 16 वर्ष से कम उम्र के किशोरों के लिए किया जा रहा है और कनाडा हाल ही में 12 और उससे अधिक के उम्र के बच्चों को वैक्सीनेट करने वाला पहला देश बन गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में कैडिला भी 12 साल से अधिक उम्र के किशोर के लिए भी कोरोना वैक्सीन लाने पर काम कर रही है.

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