इरफान खान के निधन को पूरा एक साल हो गया है। आज इरफान की डेथ एनिवर्सरी है। भले ही इरफान हमें छोड़कर चले गए हैं, लेकिन आज भी उनकी यादें ना सिर्फ उनके परिवार बल्कि फैंस के दिलों में भी बसी हैं। इरफान उन लोगों में से हैं जो कभी किसी भी चीज का दिखावा नहीं करते थे। इरफान का जब निधन हुआ था तब भी देश कोविड के प्रकोप से जूझ रहा था। बीमार होने के बावजूद इरफान ने उस वक्त कोविड से पीड़ित लोगों की मदद की थी। इरफान के दोस्त जियाउल्लाह ने इस बारे में बताया था।
उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि वह उस वक्त कोविड से पीड़ित लोगों की मदद के लिए फंड इकट्ठा कर रहे थे और जब ये बात इरफान को पता चली तब वह खुद मदद के लिए आगे आए थे। हालांकि उन्होंने इस बीच अपने दोस्त के सामने एक शर्त रखी थी। उन्होंने कहा था कि इस बारे में किसी को बताने की जरूरत नहीं है। इरफान का मानना था कि बाएं हाथ से कुछ करो तो दाहिने हाथ को पता नहीं चलना चाहिए। इरफान ने फिर जरूरतमंद लोगों की मदद की।
इरफान के दोस्त ने ये भी बताया था कि वह इस बारे में नहीं बताते, लेकिन अब जब इरफान ही चले गए तो उनके इस नेक काम और नेक सोच के बारे में सभी को पता चलना चाहिए। जियाउल्लाह ने ये भी बताया था कि इरफान इतने बड़े स्टार थे, लेकिन उनमें कभी इस बात को लेकर कोई घमंड नहीं था। वह काफी सिंपल थे और जब भी जयपुर अपने घर आते थे तो सभी से एक नॉर्मल शख्स की तरह मिलते थे। किसी को कोई भी मदद की जरूरत हो तो वह हमेशा आगे रहते थे।
पता था छोड़ने वाले हैं दुनिया
हाल ही में इरफान के बेटे बाबिल ने बताया कि एक्टर को पहले ही एहसास हो गया था कि अब वह दुनिया को छोड़ने वाले हैं। जब वह अस्पताल में थे तब निधन से 2-3 दिन पहले बाबिल, इरफान से मिलने आए थे। बाबिल ने बताया, ‘पापा ने मेरी तरफ देखा और मुस्कुराए और फिर कहा- मैं मरने वाला हूं। मैंने उनसे कहा कि नहीं ऐसा कुछ नहीं होगा, लेकिन वह फिर मुस्कुराए और सो गए।’ इसके 2-3 दिन बाद एक्टर हम सबको छोड़कर चले गए।
घर में है इरफान का एहसास
सुतापा ने हाल ही में बताया कि इरफान एक खुश्बू की तरह घर में बहते हैं। वह हमारे घर में जिंदा हैं और कोई भी घर में आता है तो उन्हें महसूस ही नहीं होता कि इरफान अब नहीं हैं।