वाराणसी। मंडप में बैठे दूल्हे को हल्दी लगाने से पहले खुद हाथों में सैनिटाइजर लगाया जा रहा है। पंडित जी भी मास्क पहनकर ही मंत्र का उच्चारण कर रहे हैं। बरातियों पर सैनिटाइजर मिला हुआ इत्र छिड़का जा रहा है। कोरोना काल ने शादियों के रस्म-रिवाज में भी ऐसे कई बदलाव कर दिए हैं।
वैश्विक महामारी कोरोना ने मानव जिंदगी को बदल कर रख दिया है। ऐसे ही कुछ बदलाव मानव जीवन के खान-पान पर भी पड़ा है। इसका जीता जागता उदाहरण धर्मनगरी काशी में शादी समारोह के दौरान देखने को मिल रहा है। कोरोना ने शादी में खाने-पीने का मेन्यू भी बदल दिया है। बरातियों के स्वागत के लिए इन दिनों चाय-कॉफी या कोल्ड ड्रिंक की जगह तुलसी, अदरक, लौंग आदि से तैयार काढ़ा दिया जा रहा है। भोजन बनाने वाले कारीगर भी हाथ में ग्लब्स पहनकर और सिर को ढके रख रहे हैं। क्रॉकरी वाली प्लेट की जगह डिस्पोजल प्लेट का इस्तेमाल किया जा रहा जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा कम से कम हो।
वर-वधू पक्ष के मेहमानों के लिए अलग-अलग मास्क
शादी के बीच वर और वधू पक्ष के लाेगाें की पहचान हाे सके इसके लिए स्पेशल मास्क का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें या ताे लाेग कलर फिक्स कर रहे हैं या फिर ऐसे मास्क पहन रहे हैं, जिसमें वर या वधू पक्ष लिखा हुआ हाे। मेहमानाें काे भाेजन के लिए टाइम स्लाॅट दिए जा रहे हैं, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का सही तरीके से पालन किया जा सके।
बाराती भी खुश
बारातियों को भी यह अंदाज बेहद पसंद आ रहा है। बाराती जहां मास्क में ढोल नगाड़ों की थाप पर डांस कर रहे है, वहीं उनका काढ़े से स्वागत किया जाना बेहद खुशनुमा एहसास करा रहा है। बारातियों की माने तो आज के समय में काढ़े की सबसे ज्यादा जरूरत है।