प्रदेश में 100-150 साल से भी अधिक पुरानी नहरों पर बने पुल-पुलिया की जर्जर हालत को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इनकी मरम्मत और पुनर्निर्माण का महाभियान शुरू किया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि इस काम को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए इसे अगले 100 दिन में पूरा कर लिया जाए।

रविवार को मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से सभी संबंधित जिलों के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से संवाद करते हुए सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में नहरों पर लगभग 70,000 पुल-पुलिया निर्मित हैं, जिनमें से लगभग आधे कमोबेश क्षतिग्रस्त हैं। प्रदेश के इतिहास में पहली बार समूचे राज्य की नहरों की क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों के जीर्णोद्धार का कार्य एक महा-अभियान के रूप में किया जा रहा है। इस अभियान से आमजन को आवागमन की सुविधा के साथ कृषकों को भी अपने खेत खलिहानों तक पहुंचने में सुविधा होगी। इस महा अभियान में प्रदेश के समस्त जिलों में नहरों पर स्थित 25,050 क्षतिग्रस्त पुल पुलियों का जीर्णोद्धार एवं पुनर्निर्माण किया जाएगा। इसमें 3508 पुल-पुलियों का नवनिर्माण भी शामिल है।  

दो सदी पुरानी नहरें, आयु पूरी कर जर्जर हो चुके हैं पुल-पुलिया
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में मुख्य नहर प्रणालियां 100 वर्षों से भी अधिक पुरानी है। पूर्वी यमुना नहर प्रणाली लगभग 190 वर्ष, ऊपरी गंगा नहर प्रणाली 166 वर्ष, निचली गंगा नहर प्रणाली 142 वर्ष, बेतवा व केन नहर प्रणाली 135 वर्ष, धसान नहर प्रणाली 113 वर्ष एवं शारदा नहर प्रणाली 92 वर्ष पुरानी है। इन पर निर्मित अधिकतर पुल-पुलिया अपनी आयु पूर्ण कर चुके हैं। पुरानी नहर प्रणालियों में पुरानी तकनीकों व तब की आवश्यकता अनुसार पुल बनाए गए थे। बदलते समय के साथ इन पुलों से गुजरने वाले वाहनों की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है। नतीजतन, नहरों पर निर्मित पुल क्षतिग्रस्त होते चले गए।  उन्होंने कहा कि कृषकों की इस समस्या को क्षेत्रीय प्रतिनिधियों द्वारा हर मंच, पर उठाया जाता रहा है। ऐसे में राज्य सरकार इसे अभियान का रूप देते हुए मिशन मोड में काम करने जा रही है। 

मौके पर जाएं, गुणवत्ता परखें, कमी हो तो दें जानकारी                                     
मुख्यमंत्री ने आगरा, मथुरा, रामपुर, सिद्धार्थनगर, बिजनौर आदि जिलों के विभिन्न सांसद-विधायकों से संवाद करते हुए कहा कि सभी जनप्रतिनिधि काम की गुणवत्ता परखें, अगर कहीं गड़बड़ी या कमी दिखे तो उसकी जानकारी दें। तत्काल कार्यवाही कराई जाएगी। 

जल शक्ति मंत्री डॉ.महेंद्र सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा सिंचाई हेतु 74,659 किमी लम्बी नहरों एवं 34401 नलकूपों का निर्माण किया गया है, जिससे एक करोड़ बीस लाख हेक्टेयर सिंचाई की क्षमता सृजित की गई है। डॉ. महेंद्र ने मुख्यमंत्री को विश्वास जताया कि नहरों के जीर्णोद्धार का काम अगले 100 दिनों में हो जाएगा। 

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