दिल्ली में शनिवार को पेट्रोल 39 पैसे प्रति लीटर चढ़ कर 90.58 रुपये पर चला गया। डीजल भी 37 पैसे का छलांग लगा कर 80.97 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया। डीजल की कीमत में बेतहाशा वृद्धि से ट्रांसपोर्टरों का परिचालन लागत बढ़ गया है। वे इसकी भरपाई के लिए अब माल भाड़ा बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। कई छोटे ट्रांसपोर्टर ने किराया बढ़ा भी दिया है। वहीं, पिछले कुछ दिनों में महंगाई का ग्राफ तेजी से ऊपर गया है। ऐसे में माल भाड़ा बढ़ने के बाद महंगाई का बोझ आम जनता पर और बढ़ने वाला है।

ऐसा इसलिए की डीजल की कीमत में बढ़ोतरी के बाद ट्रांसपोर्टर किराया में 10 से 15 फीसदी की वृद्धि करने की तैयारी कर रहे हैं। इसका सीधा असर उपभोक्ता कंपनियों पर होगा क्योंकि उन्हें अपने उत्पाद की ढुलाई के लिए ज्यादा भाड़ा चुकना होगा होगा जिसका असर उनके मुनाफा पर पड़ेगा। वह, इसकी भरपाई उत्पाद की कीमत बढ़ाकर करेंगे। कई कंपनियों के प्रवक्ता ने पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि हम अभी भाड़े में बढ़ोतरी से पड़ने वाले प्रभाव का आकलन कर रहे हैं। इसके बाद उत्पाद की कीमत बढ़ोतरी का फैसला करेंगे। ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन (एआईएमटीसी) के महासचिव नवीन कुमार गुप्ता ने हिन्दुस्तान को बताया कि कोरोना संकट के कारण ट्रांसपोर्टरों को बहुत नुकसान उठाना पड़ा है। अब डीजल की कीमत बढ़ने से परिचालन लागत बढ़ गई है। इसके चलते ट्रांसपोर्टरों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

दैनिक उपयोग की 15 फीसदी तक महंगी

देशभर में दैनिक उपयोग में इस्तेमाल होने वाली अधिकांश वस्तुएं बीते 50 दिनों में 15 फीसदी तक महंगी हो गईं हैं। सबसे ज्यादा उछाल सरसों तेल, रिफाइन, चावल, दाल, चाय पत्ती और प्याज की कीमत में आया है। ‘हिन्दुस्तान’ को देशभर से मिली जानकारी के मुताबिक, डेढ़ महीने में खाद्य वस्तुओं और रसोई गैस की कीमतों में रिकॉर्ड उछाल आया है। कारोबारियों का कहना है कि डीजल के दाम में लगातार बढ़ोत्तरी से ट्रकों से माल भाड़े की बुकिंग पर सीधा असर पड़ा है जिससे किराना, कंज्यूमर ड्यूरेबल उत्पाद, खिलौने, मेडिकल व बिल्डिंग निर्माण से जुड़े सामानों की बुकिंग प्रति क्विंटल मंहगी हो गई है।

ईंधन में उछाल का सभी पर असर

देश के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री अरुण कुमार ने हिन्दुस्तान को बताया कि ईंधन की कीमतों में उछाल का आने वाले दिनों में सभी जरूरी चीजें महंगी हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि आज के समय में डीजल का बड़ा इस्तेमाल कृषि कार्य में होता है। साथ ही पेट्रोलियम पदार्थ का इस्तेमाल फर्टिलाइजर प्रोडक्शन में होता है। इनकी कीमत में बढ़ोतरी से कृषि करना और महंगा हो जाएगा। इससे किसानों का नुकसान बढ़ेगा। वहीं, माल भाड़ा बढ़ने से सभी चीजों की लागत बढ़ जाएगी। इससे महंगाई और बढ़ेगी, जिसका असर सभी पर होगा।

50 रुपये प्रति क्विंटल ट्रक भाड़ा बढ़ा

डीजल के दाम में लगातार बढ़ोत्तरी से ट्रकों से माल भाड़े की बुकिंग पर सीधा असर पड़ा है। लखनऊ टांसपोर्टनगर से ट्रक भाड़े की बुकिंग प्रति क्विंटल 20 से 50 रुपए तक मंहगा हो गया है। परिवहन विकास ट्रस्ट के प्रवक्ता जगदीश गुप्त अग्रहारी बताते हैं कि जब डीजल की कीमत 65 रुपए लीटर था, तब भाड़ा बढ़ाया गया था। अब डीजल की कीमत 82 रुपए प्रति लीटर के करीब पहुंच गया है। यही वजह है लोकल और बाहर के भाड़े में तकरीबन दस फीसदी की बढ़ोतरी की गई है।

अभी और बढ़ेगी महंगाई

कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने हिन्दुस्तान को बताया कि डीजल की कीमत में करीब 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। डीजल की बढ़ी कीमत के बाद ट्रांसपोर्टर भाड़ा में बढ़ोतरी कर रहे हैं। इसका असर एफएमसीजी, कंज्यूमर ड्यूरेबल, खिलौने, लकड़ी के बने सामान पर सबसे ज्यादा होगा। ऐसे में आने वाले समय में ये सामान पांच से छह फीसदी और महंगी हो सकती है।

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