कोलकाता । मार्च-अप्रैल में होने वाले बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की अटकलों पर विराम लगाते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि अगर उनकी पार्टी चुनाव जीतती है तो बंगाल का भूमिपुत्र ही अगला मुख्यमंत्री बनेगा। कोलकाता में एक न्यूज चैनल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान शाह ने राज्य से जुड़े कई मुद्दों पर विस्तार से बात रखी। उन्होंने कहा कि बीजेपी के ऊपर से अब से कुछ वर्षों में सांप्रदायिक होने का टैग हट जाएगा। उन्होंने कहा कि बंगाल चुनाव में दूसरे स्थान के लिए कांग्रेस, लेफ्ट और मौलवी अब्बासुद्दीन सिद्दीकी गठबंधन बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
अमित शाह ने कहा कि टीएमसी ने बंगाल में बाहरी लोगों के बारे में एक गलत अभियान शुरू किया है। क्या ममता बनर्जी बंगाल को ऐसा बनाने की कोशिश कर रही हैं, जहां देश के किसी भी हिस्से से कोई नहीं आ सकता है? उन्होंने कहा, ”मैंने 25 बार कहा है कि अगला मुख्यमंत्री बंगाल की मिट्टी का ही होगा। अगर ममता बनर्जी बाहरी मुद्दे पर लोगों को विभाजित करने की कोशिश करती हैं तो मुझे कहना होगा कि वह बंगालियों को नहीं जानती हैं। हमारी पार्टी के संसदीय बोर्ड ने अभी तक मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार तय नहीं किया है।”
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ”हमारी पार्टी की एक पूरी टीम इस पर काम कर रही है। बहुत सारे प्रतिष्ठित लोग पार्टी में शामिल हो रहे हैं। यदि आप अपने चारों ओर देखते हैं तो आपको अगली कैबिनेट दिखाई दे सकती है।” उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि ममता बनर्जी ओवरहाइप्ड नेता हैं। वह एक बड़ी नेता हैं, जो दो बार मुख्यमंत्री रही हैं, लेकिन वह विफल रहीं और लोगों को अब महसूस होने लगा है। यह पूछे जाने पर कि क्या ममता बनर्जी अभी राष्ट्रीय राजनीति में अपने सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी हैं? अमित शाह ने कहा कि मैं इन सवालों का जवाब नहीं देना चाहता। मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि मोदी जी के करीब आने वाला कोई नेता नहीं है।
उन्होंने कहा, ”इस चुनाव में टीएमसी का भाग्य कांग्रेस, लेफ्ट और फुरफुरा शरीफ के अब्बास सिद्दीकी के गठबंधन पर निर्भर करता है। मुझे बताया गया है कि वे अलायंस कर रहे हैं। मैं यह नहीं कह सकता कि कौन दौड़ में दूसरे स्थान पर आएगा क्योंकि दूसरे नंबर के लिए एक करीबी लड़ाई होगी। हम 200 से अधिक सीटों के जीतने का लक्ष्य बना रहे हैं। यह एक संतोषजनक प्रदर्शन होगा।” वहीं, यह पूछे जाने पर कि क्या बनर्जी की हार से देश की विपक्षी राजनीति में परिदृश्य को बदलने में मदद मिलेगी, शाह ने कहा, ”हम किस परिदृश्य की बात कर रहे हैं? हम देश में सभी चुनाव जीत रहे हैं। क्या वर्तमान परिदृश्य विपक्षी नेताओं को जीतता हुआ दिखाता है?”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एक समय था जब वोटों के बंटने से ममता बनर्जी को मदद मिली। मैंने स्पष्ट रूप से विश्लेषण किया है कि इस बार बीजेपी विरोधी वोटों में बंटवारा होगा। जितने अधिक पक्ष भाग लेंगे, हमारी जीत का अंतर उतना ही अधिक होगा। हमने पहले ही अपने वोट हासिल कर लिए हैं। अब, बीजेपी-विरोधी मतों में विभाजन होगा।
शाह ने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासन के दौरान बीजेपी को एक सांप्रदायिक पार्टी के रूप में ब्रांड किया गया था। उन्होंने कहा, ”बीजेपी धर्म-आधारित राजनीति में विश्वास नहीं करती है। हम संविधान का पालन करते हैं। सभी नागरिक बराबर हैं। आप (मीडिया) बंगाल में 30 फीसदी अल्पसंख्यक वोटों पर गणना कर सकते हैं। हमारे लिए ये सभी बंगाली हैं। सांप्रदायिक होने का टैग हम पर इंदिरा गांधी के शासन के दौरान लगाया गया था। यह कुछ और वर्षों के लिए रहेगा और अंत में मिट जाएगा।”