रामपुर । 13 साल पहले मां-बाप सहित सात लोगों की हत्या में फांसी की सजा पाई शबनम ने दोबारा दया की गुहार लगाई है। गुरुवार को शबनम के वकील उससे मिलने रामपुर जेल पहुंचे। वकीलों ने दया याचिका पर शबनम से हस्ताक्षर कराए और इसे जेल प्रशाासन को सौंप दिया। बताया जा रहा है जेल प्रशासन इसे राज्यपाल को भेजेगा । गुनहगार शबनम डेथ वारंट पर कभी भी हस्ताक्षर हो सकते हैं और इसके बाद उसकी फांसी की तारीख तय हो जाएगी। 

रामपुर के जेल अधीक्षक पीडी सलौनिया ने बताया कि शबनम के दो वकील सुप्रीम कोर्ट से गुरुवार को रामपुर जेल आए थे। वे दोबारा दया याचिका तैयार करके लाए थे, जिस पर शबनम के हस्ताक्षर कराए गए  हैं। उसे राज्यपाल को भेजा जाएगा। शबनम के खुुद दया याचिका दायर करने से पहले आज ही शबनम के बेटे ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अपनी मां की फांसी की सजा को माफ करने की अपील की थी।

बता दें कि बुलंदशहर के सुशीला विहार कॉलोनी में रहने वाले उस्मान सैफी को शबनम की इकलौती संतान की जिम्मेदारी सौंपी गई है। शबनम के बेटे का जन्म जेल में ही हुआ था जब उसकी उम्र 6 साल हुई तो उसे जेल से बाहर लाया गया। 

कॉल डिटेल से खुुला था हत्या का राज : 

बावनखेड़ी कांड की तफ्तीश के दौरान पुलिस ने जब शबनम की कॉल डिटेल निकलवाई तो सारा राज खुल गया। हत्याकांड की रात में शबनम और उसके प्रेमी सलीम के बीच 52 बार फोन पर बातचीत हुई थी। पुलिस ने पाया कि शबनम ने 3 महीने में एक नंबर पर 900 से ज्यादा बार फोन किया था। पुलिस ने उस नंबर की जांच की तो पाया कि वो नंबर गांव में आरा मशीन चलाने वाले उसके प्रेमी सलीम का था। पुलिस ने सीडीआर को जांचने के बाद पाया कि घटना की रात शबनम और सलीम के बीच 52 बार फोन पर बातचीत हुई थी। इसी के बाद जब पुलिस ने दोनों से सख्ती से पूछताछ की तो हत्याकांड से पर्दा उठ गया। 

ऐसे किए थे सात मर्डर
शबनम और सलीम ने अपना गुनाह कुबूल करते हुए बताया था कि सलीम ने शबनम को जहर लाकर दिया था, जो 14 अप्रैल 2008 की रात शबनम ने रात में खाने के बाद घरवालों की चाय में मिला दिया था। सभी घरवालों ने चाय पी. इसके बाद वे सब एक-एक कर मौत के मुंह में समाते चले गए। इसके बाद शबनम ने फोन कर सलीम को अपने घर बुलाया। सलीम कुल्हाड़ी लेकर वहां आया था. उसने वहां आकर शबनम के सब घरवालों के गले काट डाले. यही नहीं वहां मौजूद शबनम के दस वर्षीय भांजे को भी गला घोंट कर मार डाला। जहर की पुष्टि बाद में सभी मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी हुई थी। सभी शवों के पेट में जहर पाया गया था।

शबनम का गांव में आरा मशीन चलाने वाले अब्दुल रऊफ के पुत्र सलीम के साथ प्रेम प्रसंग था। दोनों एक दूसरे के साथ जीने मरने की कसमें खा चुके थे, लेकिन उन दोनों का यह रिश्ता शबनम के परिवार को मंजूर नहीं था, क्योंकि सलीम का परिवार हैसियत के मुताबिक शौकत के परिवार के सामने कमतर था। इस बात से शबनम और उसका प्रेमी खासे परेशान थे. एक दिन उन दोनों ने एक खौफनाक साजिश को अंजाम देने का इरादा कर लिया। उस रात रोज की तरह शौकत का पूरा परिवार खाना खाने के बाद सोने चला गया। शबनम भी घरवालों को खाना खिलाने के बाद सोने चली गई, लेकिन उसी रात उस घर पर मौत का कहर बरपा। जब सुबह लोग जागे तो शौकत के घर का मंजर खौफनाक था। हर तरफ लाशें बिखरी हुई थीं। घर के हर एक शख्स मर चुका था। सिवाय एक के. और वो थी शौकत की 24 वर्षीय बेटी शबनम। शबनम ने पुलिस को बताया कि घर में बदमाशों ने धावा बोलकर सबको मार डाला। उसने बताया कि हमलावर लुटेरे छत के रास्ते आए थे।

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