नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जनसंघ के संस्थापकों में से एक रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि के मौके पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत आज राष्ट्र प्रथम की भावना से आग बढ़ रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि आज जब देश में इतने सकारात्मक बदलाव हो रहे हैं, पूरी दुनिया में भारत का कद बढ़ रहा है, तो कौन भारतीय होगा जिसका सीना चौड़ा न होता होगा। आज विश्व भर में फैला हुआ भारतीय समुदाय जिस गर्व के साथ जी रहा है उसका कारण भारत में हो रही गतिविधि है। उन्होंने कहा कि एक समय था जब भारत को हथियारों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर होना पड़ता था, मगर आज भारत इस मामले में आत्मनिर्भर हो चुका है।
पीएम मोदी ने कहा कि 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान भारत को हथियार के लिए विदेशों पर निर्भर रहना पड़ा था। दीनदयाल जी ने उस समय कहा था कि हमें एक ऐसे भारत का निर्माण करने की आवश्यकता है, जो न केवल कृषि में आत्मनिर्भर हो, बल्कि रक्षा और हथियार में भी हो। आज भारत में डिफेंस कॉरिडोर बन रहे हैं, मेड इन इंडिया हथियार बन रहे हैं और तेज जैसे फाइटर जेस्ट का निर्माण हो रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि हम राजनीति में सर्वसम्मति को महत्व देते हैं। मैंने संसद में कहा था कि बहुमत से सरकार चलती है लेकिन देश सहमति से चलता है। हम सिर्फ सरकार चलाने नहीं आए हैं, देश को आगे ले जाने आए हैं। हम चुनाव में एक दूसरे के खिलाफ लड़ते हैं इसका यह मतलब नहीं कि हम एक दूसरे का सम्मान नहीं करते।
पीएम मोदी ने कहा कि आज आत्मनिर्भर भारत अभियान देश के गांव-गरीब, किसान, मजदूर और मध्यम वर्ग के भविष्य निर्माण का माध्यम बन रहा है। इन्फ्रास्ट्रक्चर की दिशा में हो रहा बड़ा बदलाव भी सामान्य मानवी के जीवन को सरल बनाएगा, देश को एक नई और भव्य पहचान देगा। पीएम मोदी ने आगे कहा कि सामाजिक जीवन में एक नेता को कैसा होना चाहिए, भारत के लोकतन्त्र और मूल्यों को कैसे जीना चाहिए, दीनदयाल जी इसके भी बहुत बड़ा उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में देश ने अंत्योदय की भावना को सामने रखा, और अंतिम पायदान पर खड़े हर गरीब की चिंता की। आत्मनिर्भरता की शक्ति से देश ने एकात्म मानव दर्शन को भी सिद्ध किया, पूरी दुनिया को दवाएं पहुंचाईं, और आज वैक्सीन पहुंचा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि राज्यों का विभाजन जैसा काम राजनीति में कितने रिस्क का काम समझा जाता था। इसके उदाहरण भी हैं अगर कोई नया राज्य बना तो देश में कैसे हालत बन जाते थे। लेकिन जब भाजपा की सरकारों ने 3 नए राज्य बनाए तो हर कोई हमारे तौर तरीकों में दीनदयाल जी के संस्कारों का प्रभाव स्पष्ट देख सकता है। उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड का निर्माण हुआ। झारखंड बिहार से बनाया गया और छत्तीसगढ़ को मध्य प्रदेश से अलग आकार दिया गया, लेकिन उस समय हर राज्य में उत्सव का माहौल था।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारे राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, हमारे विचार अलग हो सकते हैं, हम चुनाव में पूरी शक्ति से एक दूसरे के खिलाफ लड़ते हैं पर इसका मतलब ये नहीं कि हम अपने राजनीतिक विरोधी का सम्मान ना करें। प्रणव मुखर्जी, तरुण गोगोई, एस.सी.जमीर इनमें से कोई भी राजनेता हमारी पार्टी या फिर गठबंधन का हिस्सा कभी नहीं रहा। लेकिन राष्ट्र के प्रति उनके योगदान का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है।