नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आज देशभर में किसान सड़कों पर थे और चक्का जाम में लगे रहे। किसानों के चक्का जाम का असर उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक देखने को मिला। यूपी और उत्तराखंड को छोड़कर देश के तमाम राज्यों में दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच किसानों ने चक्का जाम किया जिससे ट्रैफिक पर भी असर पड़ा। कई सड़कों पर गाड़ियों की लंब कतारें देखने को मिली तो कई जगह पर सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ था।
चक्का जाम के मद्देनजर दिल्ली में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। दिल्ली के अंदर और सीमाओं पर करीब 50 हजार जवानों की तैनाती की गई ताकि 26 जनवरी जैसे हालात पैदा न हो सकें। हालांकि दिल्ली एनसीआर में किसानों ने चक्का जाम नहीं करने की बात की थी और शान्ति भी रही।
हरियाणा के पलवल के पास अटोहन चौक पर किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया और सड़कों को जाम कर दिया। वहीं गुरुग्राम के कृष्ण चौक पर किसानों ने चक्का जाम कर दिया। बता दें कृष्ण चौक दिल्ली के नजफगढ़ और कापसहेड़ा बॉर्डर से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
जम्मू-पठानकोट हाइवे पर चक्का जाम का असर देखने को मिला। किसान संगठन और उनके कार्यकर्ता सड़कों पर थे और कृषि कानूनों के खिलाफ नारेबाजी भी की। पंजाब में किसानों के चक्का जाम का व्यापक असर था। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से कानून को वापस लेने की मांग की है।
दक्षिण भारत में भी किसानों के चक्का जाम का असर देखने को मिला। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ बेंगलुरु में भी किसानों ने चक्का जाम किया। बेंगलुरु में येलहंका पुलिस स्टेशन के बाहर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया ।
प्रदर्शनकारी किसानों ने राजस्थान-हरियाणा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिया था जिससे लोगों को दिक्कत हुई। वहीं उत्तर भारत में भी किसानों के चक्का जाम का व्यापक असर था। रांची-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी किसानों के चक्का जाम की वजह से आवाजाही रही। . इस दौरान सड़क पर सन्नाटा छाया रहा।