नई दिल्ली (एजेंसी)।। दिल्ली पुलिस ने ‘टूलकिट’ मामले की जांच को लेकर गूगल से जानकारी मांगी है। इसमें उस आईपी एड्रेस या स्थान की जानकारी मांगी गई है, जहां जहां से ‘टूलकिट’ वाली डॉक्यूमेंट फाइल बनाई गई थी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड की गई थी। सूत्रों ने बताया कि यह ‘टूलकिट’ के ऑथर्स की पहचान करने के लिए किया जा रहा है जिन्होंने गूगल डॉक्यूमेंट फाइल शेयर की थी।
माहौल बिगाड़ने की नीयत से दिल्ली उपद्रव को लेकर ट्विटर पर अपलोड की गई टूलकिट मामले की अबतक की जांच में यह बात सामने आई है कि यह गूगल डॉक में बनाई गई थी। जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की साइबर सेल अब ‘टूलकिट’ को अपलोड कहां से किया गया था, इसकी जानकारी लेने में जुट गई है। ‘टूलकिट’ के अंदर कुछ यूआरएल इंस्टाग्राम प्रोफाइल, ईमेल आईडी और उसका डोमेन आईडी जानने के लिए साइबर सेल ने गूगल से संपर्क किया है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि वह ‘टूलकिट’ को लेकर यह तफ्तीश कर रही है कि किसने उसको तैयार किया था? उसकी पहचान करने का साइबर सेल प्रयास कर रही है।
पोएटिक फॉर जस्टिस भी डॉक्यूमेंट को लेकर शक के दायरे में
‘टूलकिट’ नाम का जिस डॉक्यूमेंट (दस्तावेज) के जरिये देश में सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने का ऐक्शन प्लान होने की बात का खुलासा हुआ है, उसे लेकर ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ नामक खालिस्तानी समर्थक संगठन को भी जांच के दायरे मे रखने के संकेत मिले हैं। आंदोलन से जुड़े ‘टूलकिट’ डॉक्यूमेंट मामले की जांच में जुटी जांच एजेंसियों के निशाने पर अब इस संगठन के को-फाउंडर एम धालीवाल भी हैं। दरअसल एम धालीवाल पर खालिस्तान समर्थक होने का आरोप है और भारत के खिलाफ कई प्रदर्शन में शामिल होने का भी आरोप है।
साजिश है इस ‘टूलकिट’ डॉक्यूमेंट में
इस डॉक्यूमेंट में एक एक्शन प्लान के बारे में बताया गया है, जिसमें यह कहा गया कि 26 जनवरी और उसके आसपास डिजिटल स्ट्राइक करना है। एक ट्वीट कर यह जानकारी सोशल मीडिया के जरिये देना है कि 23 जनवरी को फिजिकल एक्शन करना है। 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली और 2 मार्च को जो एक अन्य कार्यक्रम किसानों की तरफ से निर्धारित किया गया था, उसको जॉइन करना है। इसके लिए इस ‘टूलकिट’ को वॉच करना है कि कैसे दिल्ली में प्रवेश करना है और कैसे वापस बॉर्डर पर जाना है। इसके लिए लोगों को इस ‘टूलकिट’ के माध्यम से बताया गया था, जिसे अपलोड कर इस प्लान की पूरी जानकारी लेने को कहा गया था। हालांकि बाद में इसे डिलीट भी कर दिया गया था।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर प्रवीर रंजन के मुताबिक, इस ‘टूलकिट’ का मकसद भारत सरकार के खिलाफ साजिश रचना है। हालांकि इस मामले में किसी को भी नामजद नहीं किया गया है। केस केवल ‘टूलकिट’ के क्रिएटर्स के खिलाफ दर्ज की गई है। इस मामले को लेकर आपराधिक साजिश, राजद्रोह और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस की साइबर इस मामले की जांच कर रही है।