केंद्र सरकार द्वारा बजट में जल जीवन मिशन (शहरी) को शुरू किए जाने की घोषणा का सबसे अधिक फायदा यूपी को मिलेगा। यूपी में मौजूदा समय कुल 707 शहरी निकाय क्षेत्र हैं। इस योजना में लोगों के घरों में घरेलू नल कनेक्शन दिए जाएंगे। बड़े शहरों को छोड़ दिया जाए तो प्रदेश के अधिकतर छोटे शहरों में पाइप लाइन पेयजल आपूर्ति की सबसे बड़ी समस्या है।
उत्तर प्रदेश में मौजूदा समय 707 निकाय हैं। इसमें 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका परिषद और 490 नगर पंचायतें हैं। इनमें 22 फीसदी से अधिक आबादी रहती है। केंद्र सरकार द्वारा बजट में जल जीवन मिशन (शहरी) लांच किया गया है। इसका मुख्य मकसद शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को शुद्ध पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराना है। यूपी के 75 जिलों में कुल 707 निकाय हैं। इसलिए केंद्र सरकार की इस योजना का सर्वाधिक लाभ यूपी के हिस्से में आना है। नगर विकास विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक राज्य सरकार के प्रस्ताव के आधार पर इस योजना में यूपी को बजट आवंटित होगा और इसके आधार पर घरों में पानी का कनेक्शन देने की शुरुआत होगी।
सेप्टिक टैंक के सफाई की होगी व्यवस्था
केंद्र सरकार ने शहरों में सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए भी बजट की व्यवस्था की है। उत्तर प्रदेश में राज्य सेप्टेज प्रबंधन नीति बनाई जा चुकी है। इसके आधार पर प्रदेश में वर्ष 2023 तक सेप्टिक टैंकों को साफ कराने के साथ उससे निकलने वाले मल को ट्रीटमेंट किया जाना है। केंद्र सरकार की इस योजना से प्रदेश में जरूरत के आधार पर ट्रीटमेंट लगाए जाएंगे।
अब स्वच्छ भारत मिशन-दो
केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन द्वितीय शुरू करने का ऐलान किया है। केंद्र सरकार की इस योजना का लाभ यूपी के 707 शहरों (निकायों) को मिलेगा। स्वच्छ भारत मिशन अभियान के पहले चरण में छूटे हुए काम दूसरे चरण में कराए जाएंगे।
सात शहरों में प्रदूषण की होगी रोकथाम
केंद्र सरकार ने विकराल होती वायु प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए देश के 42 शहरों में बजट देने की व्यवस्था की है। इस योजना में 10 लाख से अधिक आबादी वाले सात शहर लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा, मेरठ और गाजियाबाद आएंगे।