जोधपुर (एजेंसी)। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति और दिग्गज कारोबारी रॉबर्ड वढेरा की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही हैं। बेनामी संपत्ति को लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने राजस्थान हाई कोर्ट में अर्जी पेश कर उनसे हिरासत में लेकर पूछताछ करने की इजाजत मांगी गई है। इस मामले में राजस्थान हाई कोर्ट जोधपुर ने सोमवार को सुनवाई करने का फैसला लिया है। इसके तहत जहां एएसजी राजदीपक रस्तोगी वीसी के जरिए और भानु प्रताप बोहरा ईडी का पक्ष रखेंगे। वहीं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी वढेरा का पक्ष रखेंगे। दरअसल, 2007 में वढेरा ने स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक कंपनी की शुरुआत की थी।
वह और उनकी मां मौरीन इस कंपनी के डायरेक्टर बनाए गए। बाद में कंपनी का नाम बदलकर स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड लायबिलिटी कर दिया गया। रजिस्ट्रेशन के वक्त बताया गया था कि यह कंपनी रेस्टोरेंट, बार और कैंटीन चलाने जैसे काम करेगी। वढेरा की कंपनी ने 2012 में जोधपुर के कोलायत क्षेत्र में कुछ दलालों के जरिए 270 बीघा जमीन 79 लाख रुपए में खरीदी। बीकानेर में भारतीय सेना की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज के लिए जमीन आबंटित की गई थी। यहां से विस्थापित हुए लोगों के लिए दूसरी जगह पर 1400 बीघा जमीन आबंटित की गई थी, लेकिन कुछ लोगों ने इस जमीन के फर्जी कागजात तैयार करवाकर वढेरा की कंपनी को बेच दिए। बताया जा रहा है कि यह जमीन सेना की थी और इसको बेचा नहीं जा सकता था। इन लोगों के माध्यम से ही वढेरा ने क्षेत्र के कुछ गांवों में और जमीन खरीदने का प्रयास किया, लेकिन मामला आगे बढ़ नहीं पाया। फर्जी तरीके से जमीन के बेचने का मामला उजागर होने से पहले वढेरा की कंपनी ने इस जमीन को पांच करोड़ रुपए में बेच दिया। ईडी ने इस मामले में कुछ स्थानीय अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध मानी है। उनकी मिलीभगत से कुछ लोगों ने जमीन के फर्जी कागजात तैयार कराए।