चंडीगढ़ । हरियाणा में करनाल जिले के कैमला गांव में प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा ‘किसान महापंचायत’ कार्यक्रम स्थल पर तोड़फोड़ करने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी। उन्होंने आरोप लगाया कि किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी, कांग्रेस और कम्युनिस्टों ने किसानों को भड़काया है। उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र है और सभी को अपनी बातें रखने का पूरा हक है। मालूम हो कि ‘किसान महापंचायत’ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर लोगों को केंद्र के तीन कृषि कानूनों के फायदे बताने वाले थे, लेकिन किसानों के विरोध के चलते उन्हें यह पंचायत रद्द करनी पड़ी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, ”आंदोलन करने वाले नेताओं से कल बातचीत हो गई थी और फिर सहमति बनी थी कि वे सांकेतिक विरोध करेंगे, लेकिन कोई विरोध नहीं करेंगे। रैली में पांच हजार लोग उपस्थित थे। हमारे देश में एक मजबूत लोकतंत्र है और सभी को बात करने का अधिकार है। हमने किसान नेताओं के बयानों, आंदोलनों को नहीं रोका। आंदोलन में कई तरह की सरकार ने व्यवस्था भी की है। यह अच्छा नहीं है कि लोकतंत्र में कोई किसी की बात को रोके। किसान का यह स्वाभव नहीं हो सकता है। इस तरह की घटना से उसकी बदनामी हुई है।”
किसान नेता, कांग्रेस और कम्युनिस्टों पर बरसे खट्टर
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आगे कहा कि अगर मुझे इसके लिए किसी को जिम्मेदार ठहराना है, तो गुरनाम सिंह चढ़ृनी (भारतीय किसान यूनियन प्रमुख) का एक वीडियो कल से घूम रहा है। उन्होंने लोगों को उकसाने का काम किया है। इस आंदोलन के पीछे कांग्रेस, कम्युनिस्टों का बड़ा हाथ है। कांग्रेस के बयान उकसाने वाले आ रहे हैं। जो नेता बातचीत में जाते हैं, वे सभी कम्युनिस्ट विचारधारा वाले हैं। अगर ये सभी सोच रहे हैं कि इसके बल पर पैर जमा लेंगे तो इन्हें भूल जाना चाहिए।
Live : प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए https://t.co/n4ehZk3NzQ
— Manohar Lal (@mlkhattar) January 10, 2021
किसानों के लिए देश के पीएम ने काफी कुछ किया
किसानों के लिए आखिर प्रधानमंत्री ने क्या कुछ नहीं किया। उन्होंने सबकुछ किया। कोई नहीं कहेगा कि प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया। शुरुआत में विरोध होता है। जैसे जीएसटी का शुरुआत में काफी विरोध हुआ था, लेकिन अब एक टैक्स होने की वजह से काफी राहत होती है। व्यापारी भी काफी खुश हुए हैं। वहीं, 90 के दशक में भी आर्थिक उदारवाद का भी काफी विरोध किया गया था, जबकि अब यह काफी सफल माना जाता है।
पुलिस ने मार्च रोकने को छोड़े आंसू गैस के गोले
वहीं, पुलिस ने कैमला गांव की ओर किसानों के मार्च को रोकने लिए उन पर पानी की बौछारें कीं और आंसू गैस के गोले छोड़े। हालांकि, प्रदर्शनकारी कार्यक्रम स्थल तक पहुंच गए और ‘किसान महापंचायत कार्यक्रम’ को बाधित किया। उन्होंने मंच को क्षतिग्रस्त कर दिया, कुर्सियां, मेज और गमले तोड़ दिए। किसानों ने अस्थायी हेलीपेड का नियंत्रण भी अपने हाथ में ले लिया जहां मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर उतरना था। बीजेपी नेता रमण मल्लिक ने बताया कि बीकेयू नेता गुरनाम सिंह चरूनी के कहने पर किसानों के हुड़दंगी व्यवहार के कारण कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है। पुलिस ने गांव में मुख्यमंत्री की यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे।