दुनियाभर में आनन-फानन में कोरोना की कई वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी जा रही है। हालांकि, ये वैक्सीन साइड इफेक्ट भी दिखा रही है लेकिन इस बार इसे एक डॉक्टर की मौत की वजह बताया जा रहा है। दरअसल, 3 जनवरी को अमेरिका के साउथ फ्लॉरिडा में एक 56 वर्षीय डॉक्टर की मौत हुई, अब उनकी पत्नी ने कहा है कि यह मौत फाइजर की कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक की वजह से हुई है।

स्वास्थ्य अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं। डॉक्टर माइकल लगभग 10 साल से माउंट सिनाई मेडिकल सेंटर में काम कर रहे थे और बीती 3 तारीख को उनकी मौत हो गई। पत्नी हेदी नेकलमेन के मुताबिक, डॉक्टर माइकल को 18 दिसंबर को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी।

हालांकि, अभी तक ऐसे कोई मेडिकल या साइंटिफिक सबूत नहीं मिले हैं जिससे यह साबित हो कि डॉक्टर माइकल की मौत के पीछे कोरोना वैक्सीन है लेकिन मौत और टीकाकरण की अवधि में कम अंतराल की वजह से सेंटर फॉर डिजीजी कंट्रोल प्रिवेंशन इसकी जांच कर रहा है।

वहीं, हेदी नेकलमेन ने बताया कि टीका लेने के कुछ दिनों बाद ही डॉक्टर माइकल में अजीब लक्षण दिखने लगे थे। उनके हाथ और पैरों में छोटे-छोटे धब्बे भी हो गए थे। इसके बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया जहां वह एक दुर्लभ बीमारी का शिकार पाए गए। इस स्थिति में शरीर की प्रतिरोधकक्षमता गलती से खून में पाए जाने वाले सेल फ्रेगमेंट्स यानी प्लेटलेट्स पर हमला करती है। 

नेकलमेन ने एक फेसबुक पोस्ट में बताया कि आखिरी सर्जरी से दो दिन पहले ही डॉक्टर माइकल को प्लेटलेट्स की कमी की वजह से स्ट्रोक हुआ था।  

वहीं, फाइजर ने कहा है कि उन्हें इस मामले की जांच की जानकारी है लेकिन कंपनी को यह नहीं लगता कि डॉक्टर की मौत का वैक्सीन से कोई लेना-देना है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here