नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान संगठनों के नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच बुधवार को दोपहर दो बजे से षुरू आठवें दौर की बैठक पाच॔ घंटे बात सकारात्मक माहौल मे समाप्त हुई। यह पहला अवसर था जब दोनों पक्षों ने वार्ता पर संतुष्टि जतायी। अगली बैठक चार जनवरी को दोपहर दो बजे से होगी।
40 किसान संघटनो नें चार प्रस्ताव रखे थे जिनमें दो पर सहमति बन गई। पहली बार बातचीत सकारात्मक माहौल में हुई सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि कृषि कानून वापस नहीं होंगे ,प्रस्तावित बिजली कानून और पराली अध्यादेश को लेकर किसानों को जुर्माने से दूर रखने पर सहमति बनी सरकार ने दोहराया कि MSP जारी रहेगी सरकार ये लिखित में देने को तैयार हैं। चार जनवरी को कृषि बिलों और एमएसपी पर दोपहर धो बजे से वार्ता होगी। सच तो यह है कि पचास फीसदी मांगों पर सहमति हो गई है।
वार्ता पटरी पर चल रही है इसका अंदाज तब ही हो गया था जब तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किसान नेताओं के संग बाहर आकर लाइन में लगते हुए किसान नेता की ओर से लाए खाने को शेयर किया और ऐसा पहली बार हुआ।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों ने चार प्रस्ताव रखे थे, जिसमें दो पर सहमति बन गई है। पर्यावरण संबंधी अध्यादेश पर रजामंदी हो गई है। एमएसपी पर कानून को लेकर चर्चा जारी है। हम एमएसपी पर लिखित आश्वसन देने के लिए तैयार हैं। एमएसपी जारी रहेगी। बिजली बिल को लेकर भी सहमति बन गई है। पराली के मुद्दे पर भी रजामंदी हो गई है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुद्दों पर किसान-सरकार के बीच 50 फीसदी सहमति बन गई है. किसानों के लिए सम्मान और संवेदना है। आशा है कि किसान और सरकार में सहमति बनेगी।समिति बनाने के लिए सरकार पहले दिन से तैयार है।
कृषि मंत्री ने किसान नेताओं से अपील की कि वे धरना स्थल से बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को वापस घर भेज दें।
किसान नेता राकेश टिकैत सहित उनके साथ कई कृषि संगठनो के नेताओं ने स्वीकार किया कि मंत्रियों का रुख वार्ता के दौरान पॉजीटिव रहा। इन सभी ने कहा कि समाधान निकलने तक शान्तिपूर्ण धरना जारी रहेगा।