कोविड-19 महामारी के दौरान भारत ने जिस तरह से दुनिया के तमाम देशों को राहत सामग्री पहुंचायी, उसके लिए पूरी दुनिया ने नमन किया। यह मदद आज भी जारी है। भारत मित्रवत देशों को निरंतर मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) पहुंचा रहा है। इसी हिस्से के रूप में चलाए जा रहे मिशन सागर-III के तहत गुरुवार को भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस ‘किल्टन’ वियतनाम के बंदरगाह होश ची पोर्टन, हो ची मिन्ह सिटी पहुंचा और भारत की ओर से भेजी गई सामग्री सौंपी।

15 टन सामग्री लेकर पहुंचा जहाज

यह जहाज मध्य वियतनाम के बाढ़ प्रभावित पीडितों के लिए 15 टन राहत सामग्री लेकर आज शाम पहुंचा था जिसे राष्ट्रीय आपदा निवारण और नियंत्रण के लिए वियतनाम की केंद्रीय संचालन समिति को सौंप दिया गया। यह सहायता दो मित्र देशों के बीच गहरे संपर्क को प्रतिबिंबित करती है। मिशन सागर- III प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के एसएजीएआर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के दृष्टिकोण के अनुसार चलाया जा रहा है जो भरोसेमंद साझेदार के रूप में भारत की स्थिति को दोहराता है और भारतीय नौसेना को पसंदीदा सुरक्षा साझेदार और प्रथम उत्तरदाता के रूप में देखता है। यह मिशन आसियान देशों को दिए गए महत्व को भी रेखांकित करता है और मौजूदा आपसी सम्बंधों को और मजबूत करता है।

व्यापक रणनीतिक साझेदारी

नौसेना प्रवक्ता ने कहा कि भारत और वियतनाम का रिश्ता दो सहस्राब्दियों से पुराना है। जीवंत आर्थिक भागीदारी और आम हितों के मुद्दों पर बढ़ते अभिसरण के कारण हाल के दिनों में भारत-वियतनाम संबंध मजबूत हुए हैं। यह द्विपक्षीय संबंध 2016 में एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत स्थापित किए गए थे। आईएनएस कल्टन की वर्तमान यात्रा दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग को बढ़ाने का भी प्रयास है। साथ ही दोनों देशों के बीच दोस्ती के मजबूत बंधन को आगे बढ़ाएगी और इस क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता में योगदान करेगी। हो ची मिन्ह सिटी से प्रस्थान के बाद आईएनएस ‘किल्टन’ जहाज 26 से 27 दिसम्बर तक दक्षिण चीन सागर में वियतनाम पीपुल्स नेवी के साथ नौसैन्य अभ्यास में हिस्सा लेगा।

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