नई दिल्ली। | कोरोना से बचाव का टीका लेने के बाद शराब पीने की आदत वैक्सीन को बेअसर कर सकती है। इसलिए टीकाकरण के दो महीने बाद तक शराब से परहेज करना चाहिए। सुनने में अजीब है लेकिन यह सलाह रूस के उपप्रधानमंत्री ततियाना गोलिकोवा ने जारी की है, जहां हाल में लोगों को स्पूतनिक-V वैक्सीन की खुराक देनी शुरू की गई है।
गोलिकोवा के अनुसार, यह कोविड-19 के मरीजों के लिए बीमारी दूर करने वाला उपाय है। इस सलाह का मकसद लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाए रखना है। टीकाकरण के दो महीने बाद वैक्सीन अपना काम करना शुरू करेगी। ऐसे में दो महीने तक टीका लेने वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। उन्हें खान-पान में विशेष एहतियात के साथ-साथ भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचना चाहिए। साथ ही सैनेटाइजर और मास्क अनिवार्य रूप से इस्तेमाल करना चाहिए।
रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय के गमालिया इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी के प्रमुख एलेक्जेंडर गिन्ट्सबर्ग के अनुसार, शराब हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) को कम कर देती है। टीका लेने के बाद लोग अगर शराब का सेवन करेंगे तो इससे टीके का प्रभाव कम हो सकता है। साथ ही टीके का प्रभाव खत्म होने की भी आशंका है।
कंज्यूमर सेफ्टी वॉचडॉग की प्रमुख अन्ना पोपोवा ने कहा, कोविड19 स्ट्रेन को खत्म करने और अपने स्वास्थ्य के लिए शराब बिल्कुल न पीएं। यह हम सभी का भविष्य सुरक्षित करेगा।
शराब के शौकीनों में रूसी चौथे नंबर पर :
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लयूएचओ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूस दुनिया में चौथा ऐसा देश है जहां सबसे अधिक शराब का सेवन किया जाता है। एक सामान्य रूसी व्यक्ति सालभर में 15 लीटर (करीब 4 गैलन) से अधिक शराब पी जाता है। यही वजह है कि सरकार की ओर से जारी शराब न पीने की सलाह का देश में विरोध शुरू हो गया है। विरोध में यहां तक कहा जा रहा है कि शराब नहीं पीने से अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा और वैक्सीन के प्रति लोगों की राय भी बदलेगी।
टीके के बावजूद संक्रमण के मामले:
रूस ने पिछले सप्ताह मॉस्को से स्पूतनिक-V वैक्सीन देने की शुरुआत की है। अब तक एक लाख लोगों को टीका दिया जा चुका है। यहां के स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि वैक्सीन 90 फीसदी तक कारगर है लेकिन कुछ रिपोर्ट के मुताबिक, टीके के बावजूद कुछ स्वास्थ्यकर्मियों में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं।
भारत में बनेंगी रूसी वैक्सीन की 10 करोड़ डोज:
रूस में तैयार हुई कोरोना वायरस वैक्सीन स्पूतनिक-V का उत्पादन भारत में भी होगा। इसके लिए हेटरो ग्रुप के साथ करार किया गया है। रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के अनुसार, दोनों कंपनियां मिलकर हर साल करीब 10 करोड़ डोज तैयार करेंगी। भारत में दिग्गज फार्मा कंपनी डॉ. रेड्डी लैबोरेटरीज इस वैक्सीन का ट्रायल करने जा रही है। देश में इस वैक्सीन का दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल किया जाना है।
भारत में सालाना प्रति व्यक्ति खपत 4.3 लीटर :
देश खपत
भारत 4.3
फ्रांस 12.2
ऑस्ट्रेलिया 12.2
आयरलैंड 11.9
जर्मनी 11.8
ब्रिटेन 11.6
कनाडा 10.2
अमेरिका 9.2
(खपत लीटर में, डब्ल्यूएचओ के अनुसार)