मुंबई। यह चर्चा जोर पकड़ चुकी है कि सोनिया गांधी जल्द ही यूपीए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे सकती हैं। सवाल उठता है कि यूपीए अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी की जगह कौन कद्दावर नेता लेगा? इस मामले में अब तक सबसे आगे राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी प्रमुख व महाराष्ट्र के दिग्गज नेता शरद पवार का नाम सामने आ रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, सोनिया गांधी अपने खराब स्वास्थ्य के कारण यूपीए प्रमुख के रूप में आगे कार्यकाल जारी रखने के लिए तैयार नहीं हैं। अब वह मुख्यधारा की राजनीति में भी बहुत सक्रिय नहीं हैं। ऐसे में सोनिया गांधी के पद छोड़ने के बाद महाराष्ट्र से पवार ‘द ग्रैंड ओल्ड मैन’ कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन यूपीए का नेतृत्व कर सकते हैं।

पवार एक अनुभवी राजनेता होने के नाते यूपीए के सहयोगियों के बीच बहुत सम्मानित भी हैं। वह अपने गृह राज्य महाराष्ट्र में काफी रसूख रखते हैं। कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग यह मानता है कि पवार को यूपीए का अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए क्योंकि राहुल गांधी स्पष्ट रूप से फिर से कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने से  इनकार कर चुके हैं और अपनी मां की जगह वह यूपीए अध्यक्ष बनने के लिए भी तैयार नहीं हैं।

हालांकि कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग को लगता है कि राहुल गांधी को यूपीए के मुख्य चेहरे के रूप में पेश किया जा सकता है लेकिन शरद पवार यूपीए अध्यक्ष के रूप में बेहतर विकल्प हैं। पवार की पार्टी एनसीपी और कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र में मिलकर सरकार भी चला रही हैं।

शिवसेना ने किया समर्थन

हाल ही में जब विपक्ष के नेताओं ने किसानों के आंदोलन को लेकर भारत के राष्ट्रपति से मुलाकात की तो राहुल गांधी की मौजूदगी के बावजूद प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व शरद पवार ने ही किया। पवार के यूपीए प्रमुख बनने की संभावना पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि एनसीपी प्रमुख में देश का नेतृत्व करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि पवार को देश के मुद्दों का ज्ञान है और लोगों की नब्ज उनकी पकड़ में है।

गौरतलब है कि शरद पवार उन लोगों में से हैं जिन्होंने 1991 में सोनिया गांधी के विदेशी मूल का हवाला देते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।

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