उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के देशों को संबोधित करते हुए आतंकवाद का मुद्दा उठाया और साथ ही कोरोना के बाद की दुनिया में वैश्विक संस्थाओं में बेहद जरूरी बदलाव किए जाने पर बल दिया। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया ने भारत की मेजबानी में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन के ‘सरकार के प्रमुखों’ के वर्चुअल माध्यम हुए 19वें शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की।

सम्मेलन में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने पाकिस्तान को बहुपक्षीय मंचों में द्विपक्षीय मुद्दे उठाने से परहेज करने और आतंकवाद प्रायोजित करने को लेकर पाकिस्तान को बिना नाम लिए नसीहत दे डाली। उन्होंने कहा कि वर्तमान में आतंकवाद खासकर सीमा पार से होने वाला आतंकवाद दुनिया के लिए प्रमुख चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि भारत सरकारी नीति के तौर पर आतंकवाद को एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने वाले देशों के खिलाफ खड़ा है।

धीरे-धीरे दुनिया की अर्थव्यवस्था अब बढ़ रही रिकवरी की ओर

उपराष्ट्रपति ने कहा कि धीरे-धीरे दुनिया की अर्थव्यवस्था अब रिकवरी की ओर बढ़ रही हैं। हमें इस समय सामूहिक प्रयासों के महत्व को समझने की जरूरत है। वर्तमान में व्यापार और निवेश को बढ़ाए जाने की जरूरत है। रिकवरी की इस प्रक्रिया में व्यापार भूमिका तभी सही ढंग से निभा पाएगा जब सभी सहभागी विश्वसनीय और पारदर्शितापूर्ण व्यवहार करेंगे। देशों को बहुपक्षीय व्यापार के नियमों के मुताबिक चलना होगा ताकि वह इस व्यवस्था का हिस्सा बने रहे।

कोरोना के बाद की दुनिया में वैश्विक संस्थाओं में बदलाव की जरूरत

उपराष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना के बाद की दुनिया में वैश्विक संस्थाओं जैसे ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ में बदलाव की जरूरत है। कोविड-19 के सामाजिक राजनीतिक प्रभाव काफीच तेजी से सामने आए हैं और इन्होंने वैश्विक संस्थानों की कमजोरियों को उजागर किया है। यह समय है कि वैश्विक संस्थाओं में जरूरी बदलाव किए जाएं।

कोरोना महामारी में देश में होने वाली मौतों की दर दुनिया के अन्य देशों से कम

उपराष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में भारत की ओर से किए गए मानव केंद्रित प्रयासों से देश में होने वाली मौतों की दर दुनिया के अन्य देशों से कम रही है और भारत का रिकवरी रेट सबसे ज्यादा 93 प्रतिशत है। वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने में भारत के योगदान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया की 60 प्रतिशत वैक्सीन भारत में तैयार की जाती है। कोरोना महामारी से निपटने के लिए 30 स्वदेशी वैक्सीन तैयार की जा रही हैं और इनमें से तीन अगले चरणों तक पहुंच गई।

भारत एससीओ संगठन में सदस्य के तौर पर 2017 में शामिल हुआ था

भारत एससीओ संगठन में सदस्य के तौर पर 2017 में शामिल हुआ था। भारत शंघाई सहयोग सरकार के प्रमुखों की परिषद का पिछले साल 2 नवंबर को क्रमानुसार उज़्बेकिस्तान के बाद अध्यक्ष बना था। 30 नवंबर को शिखर सम्मेलन आयोजित करने के साथ ही भारत अपना 1 वर्ष का कार्यकाल पूरा करेगा। शिखर सम्मेलन में संगठन के सदस्य देशों रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, और उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्रियों ने भाग लिया। वहीं पाकिस्तान की ओर से विदेश मामलों के संसदीय सचिव ने भाग लिया।

सदस्य देशों के अलावा पर्यवेक्षक देशों में अफग़ानिस्तान के राष्ट्रपति, ईरान के प्रथम उपराष्ट्रपति, बेलारूस के प्रधानमंत्री और मंगोलिया के उप प्रधानमंत्री ने भाग लिया। विशेष आमंत्रित के तौर पर तुर्कमेनिस्तान की ओर से कैबिनेट मंत्रियों के उपाध्यक्ष इसमें भाग लेंगे। इस साल भारत ने एससीओ सदस्य देशों की बाहरी अर्थव्यवस्था व वाणिज्य से जुड़े मंत्रियों की 28 अक्टूबर और न्याय मंत्रियों की 16 अक्टूबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आयोजित की थी। 30 नवंबर का शिखर सम्मेलन उपराष्ट्रपति की अध्यक्षता में संयुक्त कम्युनिटी को अपनाने के साथ समाप्त होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here