नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के बयान पर मचे राजनीतिक घमासान के बीच बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने इसे देश विरोधी ठहराया है। उन्होंने कहा कि फारूक चीन की मानसिकता को सही ठहरा रहे हैं। फारूक अब्दुल्ला ने पहली बार ऐसा नहीं कहा है। उन्होंने पहले भी कई बार इस तरह के बयान दिए हैं।
उन्होंने कहा कि एक तरह से फारूक अब्दुल्ला, अपने इंटरव्यू में चीन की विस्तारवादी मानसिकता को न्यायोचित ठहराते हैं। वहीं दूसरी ओर एक देशद्रोही कमेंट करते हैं कि भविष्य में हमें अगर मौका मिला तो हम चीन के साथ मिलकर अनुच्छेद 370 वापस लाएंगे।
संबित पात्रा ने आगे कहा कि इन्हीं फारूक अब्दुल्ला ने भारत के लिए कहा था कि PoK क्या तुम्हारे बाप का है, जो तुम PoK ले लोगे, क्या पाकिस्तान ने चूड़ियां पहनी हैं। पाकिस्तान और चीन को लेकर जिस प्रकार की नरमी और भारत को लेकर जिस प्रकार की बेशर्मी इनके मन में है, ये बातें अपने आप में बहुत सारे प्रश्न खड़े करती हैं।
राहुल गांधी पर भी साधा निशाना
पात्रा ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केवल फारूक अब्दुल्ला ऐसा कहते हैं ऐसा नहीं है। अगर आप इतिहास में जाएंगे और राहुल गांधी के हाल फिलहाल के बयानों को सुनेंगे तो आप पाएंगे कि ये एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। ये वही राहुल गांधी हैं, जिन्होंने एक हफ्ते पहले कहा था कि प्रधानमंत्री कायर है, प्रधानमंत्री छुपा हुआ है, डरा हुआ है। दूसरे देशों की तारीफ और अपने देश, प्रधानमंत्री और आर्मी के लिए इस प्रकार के वचन कहां तक सही है, ये आप सब समझते हैं। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाकर राहुल गांधी पाकिस्तान में हीरो बने थे, आज फारूक अब्दुल्ला चीन में हीरो बने हैं।
पात्रा ने कहा कि 24 सितंबर को फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि आप अगर जम्मू कश्मीर में जाकर लोगों से पूछेंगे कि क्या वे भारतीय हैं, तो लोग कहेंगे कि नहीं हम भारतीय नहीं हैं। उसी बयान में ही उन्होंने ये भी कहा था कि अच्छा होगा अगर हम चीन के साथ मिल जाएं। उन्होंने कहा कि देश की संप्रभुता पर प्रश्न उठाना, देश की स्वतंत्रता पर प्रश्नचिह्न लगाना क्या एक सांसद को शोभा देता है? क्या ये देश विरोधी बातें नहीं हैं?
दरअसल फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा था कि एलएसी पर जो भी तनाव के हालात बने हैं, उसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है। क्योंकि उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म किया। चीन ने कभी भी अनुच्छेद 370 खत्म करने के फैसले का समर्थन नहीं किया है और हमें उम्मीद है कि इसे (आर्टिकल 370) फिर से चीन की ही मदद से बहाल कराया जा सकेगा।