नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल असेंबली को संबोधित करते हुए कहा संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रियाओं में बदलाव, व्यवस्थाओं में बदलाव, स्वरूप में बदलाव, आज समय की मांग है। पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र की आम सभा में अपने सारगर्भित संबोधन मे पूछा दुनिया का सबसे बडा लोकतंत्र भारत जहां विश्व की 18 प्रतिशत आबादी निवास करती है, आखिर कब तक यूएन की सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए इन्तजार करता रहेगा ?

कोरोना वायरस के चलते उपजे वैश्विक संकट पर चर्चा के साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि भारत की वैक्सीन प्रोडक्शन और वैक्सीन डिलीवरी क्षमता पूरी मानवता को इस संकट से बाहर निकालने के लिए काम आएगी।

कोरोना संकट के कारण संयुक्त राष्ट्र महासभा वर्चुअल तरीके से आयोजित की गई। पीएम मोदी ने कहा कि कब तक भारत को संयुक्त राष्ट्र के डिसिजन मेकिंग स्ट्रक्चर से अलग रखा जाएगा |

उन्होने कहा कि महामारी के बाद बनी परिस्थितियों के बाद हम आत्मनिर्भर भारत के विजन को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। भारत में ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी योजनाओं का लाभ, बिना किसी भेदभाव, प्रत्येक नागरिक तक पहुंचे |

भारत अपने गांवों के 150 मिलियन घरों में पाइप से पीने का पानी पहुंचाने का अभियान चला रहा है। कुछ दिन पहले ही भारत ने अपने 6 लाख गांवों को ब्रॉडबैंड ऑप्टिकल फाइबर से कनेक्ट करने की बहुत बड़ी योजना की शुरुआत की है। भारत ने 40 करोड जन-धन खाते खुलवाए, पचास करोड लोगो को मुफ्त चिकित्सा प्रदान की। भारत डिजिटल भुगतान के क्षेत्र मे दुनिया के अग्रणी देशों मे शामिल हो चुका है। सौर ऊर्जा पर अंतरराष्ट्रीय समझौता भारत की देन है। दुनिया 21 जून को योग दिवस के रूप मे मनाती है।

पीएम मोदी ने कहा,’भारत की आवाज मानवता, मानव जाति और मानवीय मूल्यों के दुश्मन- आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी, ड्रग्स, मनी लॉन्डरिंग के खिलाफ हमेशा उठती रहेगी। .’

  • विश्व के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के तौर पर आज मैं वैश्विक समुदाय को एक और आश्वासन देना चाहता हूं. भारत की वैक्सीन प्रोडक्शन और वैक्सीन डिलीवरी क्षमता पूरी मानवता को इस संकट से बाहर निकालने के लिए काम आएगी।
  • पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा पूरी मानव जाति के हित के बारे में सोचा है. न कि अपने निहित स्वार्थों के बारे में, भारत की नीतियां हमेशा से इसी दर्शन से प्रेरित रही हैं। महामारी के इस मुश्किल समय में भी भारत की फार्मा इंडस्ट्री ने 150 से अधिक देशों को जरूरी दवाइयां भेजीं हैं।

-पीएम मोदी ने चीन पर परोक्ष निशाना साध ते हुए कहा, ‘भारत जब किसी से दोस्ती का हाथ बढ़ाता है, तो वो किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं होती। भारत जब विकास की साझेदारी मजबूत करता है, तो उसके पीछे किसी साथी देश को मजबूर करने की सोच नहीं होती। हम अपनी विकास यात्रा से मिले अनुभव साझा करने में कभी पीछे नहीं रहते।’

-पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लोग UN के रिफॉर्म्स को लेकर जो प्रोसेस चल रहा है, उसके पूरा होने का बहुत लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं. भारत के लोग चिंतित हैं कि क्या ये प्रक्रिया कभी लॉजिकल एंड तक पहुंच पाएगी ? कब तक भारत को संयुक्त राष्ट्र के डिसिजन मेकिंग स्ट्रक्चर से अलग रखा जाएगा.

-पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 8-9 महीने से पूरा विश्व कोरोना वैश्विक महामारी से संघर्ष कर रहा है।।इस वैश्विक महामारी से निपटने के प्रयासों में संयुक्त राष्ट्र कहां है? एक प्रभावशाली रिस्पॉन्स कहां है?

  • पीएम मोदी बोले ‘ये बात सही है कि कहने को तो तीसरा विश्व युद्ध नहीं हुआ, लेकिन इस बात को नकार नहीं सकते कि अनेकों युद्ध हुए, अनेकों गृहयुद्ध भी हुए. कितने ही आतंकी हमलों ने खून की नदियां बहती रहीं। इन युद्धों और हमलों में, जो मारे गए वो हमारी-आपकी तरह इंसान ही थे। लाखों मासूम बच्चे  जिन्हें दुनिया पर छा जाना था, वो दुनिया छोड़ कर चले गए। उस समय और आज भी, संयुक्त राष्ट्र के प्रयास क्या पर्याप्त थे?’
  • पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि आज विश्व अलग दौर से गुजर रहा है. पूरा विश्व कोरोना महामारी से निपट रहा है।।आज गंभीर आत्ममंथन की जरूरत है।’