नई दिल्ली। आखिर करीब तीन महीने बाद चीन ने मान लिया है कि गत 15 जून को गलवान घाटी में हुई खूनी झडप में ड्रैगन की सेना के सौनिकों की भी मौतें हुई थीं। अमेरिकी अखबार न्यूजवीक ने पिछले दिनों दावा किया था कि चीन के 60 सैनिकों की मौत हुई थी, मगर अब तक चीन का औपचारिक तौर पर कबूलनामा नहीं आया था। लेकिन राजनाथ सिंह के इस बयान के बाद चीन के मुखपत्र ने गलवान घाटी का सच उगल दिया और उसने माना है कि भारतीय सेना के शौर्य के आगे ड्रैगन की सेना बेदम साबित हुई थी। 

चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स के एडिटर ने माना है कि गलवान घाटी में खूनी संघर्ष के दौरान चीन को नुकसान पहुंचा था और उसके भी कुछ जवानों की मौतें हुई थीं। ग्लोबल टाइम्स चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का मुखपत्र है। ग्लोबल टाइम्स के एडिटर ने न सिर्फ ट्वीट किया है, बल्कि अखबार में छापा भी है।

As far as I know, the death toll of Chinese troops in Galwan Valley clash on June 15 is far fewer than 20 deaths of Indian troops. No Chinese soldiers was captured by Indian troops, but PLA captured many Indian soldiers that day. pic.twitter.com/68ORN3k4Hk

— Hu Xijin 胡锡进 (@HuXijin_GT) September 17, 2020

चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के एडिटर इन चीफ हू झिजिन ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के एक बयान को ट्वीट किया है और इसे फेक बताया है। एडिटर हू ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘जहां तक मुझे पता है कि गलवान घाटी की झड़प में चीनी सेना में मरने वालों की संख्या भारत के 20 की तुलना में कम थी। उस दिन किसी भी चीनी सैनिक को भारत ने बंदी नहीं बनाया था, बल्कि चीन ने ही भारत के सैनिकों को बंदी बनाया था।’

ग्लोबल टाइम्स के एडिटर हू के इस ट्वीट से चीन का वह सच सामने आ गया, जो 15 जून के बाद से ही दुनिया से छुपा रहा था। जब गुरुवार को राज्यसभा में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गलवान घाटी में चीन को भारी नुकसान पहुंचा था तो चीन झल्ला गया और उसके मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के एडिटर ट्वीट के जरिए संख्या बताने के चक्कर में अपना काला सच बता बैठा। इतना ही नहीं, ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में भी इस बात को छापा है।