व्योमकेश पाण्डिया
नई दिल्ली। चीन के साथ तनाव के बीच ताइवान द्वारा एक चीनी फाइटर प्लेन के मार गिराने की रिपोर्ट्स आ रही है। हालांकि चीन और ताइवान में से किसी ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है। टीवी रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि ताइवान ने अपने एयर स्पेस में घुस आए चीनी सुखोई-35 विमान को मार गिराया है। बताया जा रहा है कि इस हमले में ताइवान ने अमेरिकी पेट्रियाट मिसाइल डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया है। बताया जाता है कि चीन के एक साथ पांच सुखोई विमान ताइवान की वायुसीमा मे घुसे थे, ताइवान ने जब एक को मार गिराया तब शेष चार दुम दबा कर भाग निकले
खबरों में दावा किया जा रहा है कि ताइवान ने चीनी विमान को कई बार चेतावनी दी लेकिन उसके बावजूद चीनी विमान ताइवान के एयरस्पेस में बना रहा। इसके बाद ताइवान ने उसे मार गिराया। बताया जा रहा है कि इस घटना में पायलट गंभीर रूप से घायल हो गया है। अगर यह घटना सच साबित होती है तो यह दोनों ही देशों के बीच ही जंग ती सीमित नहीं रह जाएगी। अमेरिका दखल सामने आ सकता है। यह तीसरे महायुद्ध की शुरुआत भी हो सकती है।
गौरतलब है कि चीन पिछले कई दिनों से ताइवान की वायुसेना में अपने लड़ाकू विमान भेज रहा था। ताइवान ने चीन के किसी भी हिमाकत का जोरदार जवाब देने के लिए अपनी सैन्य क्षमता को और मजबूत करने की तैयारी शुरू कर दी है। गत 11 अगस्त को तो ताइवान ने चीन के विमान को खदेड़ दिया था।
चीन के किसी भी प्रकार के आक्रामक रवैये से निपटने के लिए ताइवान की नेवी और एयरफोर्स अलर्ट पर है। राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने ताइवान की सैन्य ताकत में इजाफा करने और रिजर्व सैन्य बलों को अपेक्षाकृत मजबूत करने के लिए कई नई घोषणाएं की हैं। जिसके तहत रिजर्व फोर्स को ताइवानी सेना के लिए मजबूत बैकअप के रूप में विकसित किया जाएगा।
ताइवान सेना से अलग एक रिजर्व फोर्स भी बनाने जा रहा है जो नियमित सशस्त्र बलों की तरह ही ताकतवर होगी। उन्हें वे सभी हथियार और सैन्य साजो समान दिए जाएंगे जिसका इस्तेमाल ताइवानी सेना करती है। इसके अलावा विभिन्न बलों के बीच में रणनीतिक समझ और विभिन्न सरकारी विभागों और एजेंसियों के बीच घनिष्ठ सहयोग भी विकसित किया जाएगा।
चीन ने हाल के दिनों में तेज की कार्रवाई
ताइवानी राष्ट्रपति की यह घोषणा इसलिए महत्वपूर्ण है कि चीन ने आज ही हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया है और ताइवान को भी एक देश दो तंत्र के तहत मिलाने की धमकी दी है। इसके अलावा चीन हमेशा से ताइवान को अपने देश में सैन्य ताकत से मिलाने की धमकी देता रहा है। हाल के दिनों में कई बार चीनी एयरक्राफ्ट से ताइवानी एयरस्पेस का उल्लंघन भी किया है।
ताइवान ने आज जिस पैट्रियाट एडवांस कैपिबिलिटी-3 मिसाइल से चीनी विमान मार गिराया है, अमेरिका की ओर से उसकी आपूर्ति से चीन को इतनी मिर्ची लगी थी कि उसका सरकारी मीडिया बिलबिलाने लगा था। 620 मिलियन डॉलर की अनुमानित लागत वाले इस रक्षा सौदे को अमेरिका की मंजूरी मिलने के बाद सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने सीधे तौर पर ताइवान और यूएस को आग से न खेलने की चेतावनी दे डाली थी । इन दिनों साउथ चाइना सी में अमेरिका के दो एयरक्राफ्ट कैरियरों के युद्धाभ्यास से भी चीन चिढ़ा हुआ था।